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Monsoon Havoc: देशभर में मानसून ने ऐसा कहर बरपाया है कि हर तरफ तबाही का मंजर है. कहीं भूस्खलन तो कहीं बाढ़ ने हाहाकार मचा रखा है. अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
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Rain Alert: देशभर में जारी भारी बारिश ने पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक तबाही मचा दी है. दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं. नदियां-नाले उफान पर हैं और सड़कों का हाल मानो किसी नदी जैसा हो गया है. मौसम विभाग ने उत्तर भारत के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
वहीं पहाड़ी राज्यों में स्थिति और भी चिंताजनक है. उत्तराखंड के बद्रीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग के पास नरकोटा इलाके में भारी भूस्खलन हुआ, जिसके चलते कई घंटे तक सड़क बंद रही और यात्री फंसे रहे. चमोली जिले में बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी है. कई मकान और गौशालाएं बह गई हैं, लोग दहशत के साए में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
#WATCH | Rudraprayag, Uttarakhand | Landslide occurs at the Rudraprayag to Badrinath route. Restoration work underway. pic.twitter.com/ztu5P62e7x
— ANI (@ANI) July 9, 2025
नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर समेत पांच जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. अलकनंदा नदी उफान पर है, जिससे घाट और मंदिर जलमग्न हो गए हैं. इन हालातों में जरूरी है कि प्रशासन सतर्कता बरते और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत व बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दे. आम लोगों से भी अपील है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज न करें और अनावश्यक यात्रा से बचें.
हिमाचल प्रदेश से लेकर पूर्वोत्तर के असम तक बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. हिमाचल में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है. इस मानसून सीजन में अब तक 31 बार अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड), 22 बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) और 17 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इन हादसों में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है.
राज्य में 174 सड़कें बंद हैं और करीब 740 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. मंडी, ऊना और शिमला जैसे जिलों में सामान्य से 80-90% ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे कई इलाकों में जनजीवन ठप हो गया है.
दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर जलभराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कई जगहों पर पानी इतना भर गया कि गाड़ियां घंटों तक ट्रैफिक में फंसी रहीं. गुड़गांव में हालात और भी गंभीर नजर आए, जहां सड़कें पूरी तरह से पानी में डूब गईं. हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन ने बारिश से पहले दावा किया था कि जलनिकासी की पूरी व्यवस्था की गई है, लेकिन एक तेज बारिश ने ही सारे वादों की पोल खोल दी.
#WATCH | Haryana: Severe waterlogging witnessed in several parts of Gurugram, as the city continues to receive heavy rain.
— ANI (@ANI) July 9, 2025
(Visuals from Sheetla Mata Road) pic.twitter.com/1x42534NOk
वहीं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट, रामघाट और अन्य धार्मिक स्थल डूब गए हैं. घाट किनारे की दुकानें पानी में बह गई हैं और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में भारी बारिश के चलते ब्रह्मपुरी तहसील के 25 गांवों का संपर्क टूट गया है. गोसीखुर्द बांध के गेट खोलने के बाद वेनगंगा नदी में पानी बढ़ गया है, जिससे पिंपलगांव गांव में घरों में पानी घुस गया और 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
राजस्थान के धौलपुर में एनएच-44 और मनिया कस्बे की गलियों में घुटनों तक पानी भर गया है. वहीं जैसलमेर के पोकरण इलाके में बारिश से भरे गड्ढे में गिरकर एक ही परिवार के चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई.
असम में भी हालात बेहद खराब हैं. यहां अब तक बाढ़ से 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 29,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. गोलाघाट जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 23,000 से अधिक लोग संकट में हैं. करीब 5,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और हजारों हेक्टेयर फसलें डूब चुकी हैं.
मणिपुर के चुराचांदपुर में भी भारी बारिश से लनवा और तुइथा नदी उफान पर हैं. यहां 100 से ज्यादा घर पानी में डूब गए हैं और लोग सामुदायिक केंद्रों में शरण ले रहे हैं. देश के कई राज्यों में बारिश राहत की जगह आफत बन गई है और स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. प्रशासन और राहत टीमें हालात से निपटने में जुटी हुई हैं.
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