Faces behind success of Operation Sindoor: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 22 अप्रैल को निर्दोष सैलानियों पर हमला किया था. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारत सरकार ने इस हमले की जवाबी कार्रवाई 15 दिन के बाद की. 15 दिन तक भारत सरकार ने मजबूत रणनीति बनाई और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया. इस हमले को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया. इस ऑपरेशन की सफलता में कई चेहरों की अहम भूमिका रही. आईए हम एक-एक कर आपको उन चेहरों से रुबरु कराते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाली. पीएम ने ऑपरेशन की रणनीति पर अपनी नजर बनाए रखी. पीएम लगातार एनएसए, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों, रॉ प्रमुख और सीडीएस से मिलते रहे और लगभग 15 बैठकें की. इस दौरान जवाबी कार्रवाई की रणनीति बनी. ऑपरेशन सिंदूर नाम भी नरेंद्र मोदी ने ही दिया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ऑपरेशन सिंदूर के अहम रणनीतिकार हैं. डोभाल को पीएम का भरोसेमंद माना जाता है इसी वजह से उन्हें ऑपरेशनल कमांड सौंपा गया. डोभाल ने विस्तृत योजना बनाने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ कॉर्डिनेट किया. डोभाल ने लाहौर से 400 किलोमीटर से दूर रहते हुए आधी रात में हुए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
एनएसए ने पहले रॉ और अन्य खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर डोजियर तैयार करने का निर्देश दिया फिर हमले के लिए लक्ष्य हथियार चुने. भारतीय वायु सेना ने राफेल जेट और स्पाइस-2000 गोला-बारूद से SCALP मिसाइलों को तैनात किया. सेना ने UCAV से ड्रोन और सटीक गोला-बारूद का इस्तेमाल किया. एनएसए की देखरेख में ही संयुक्त हमलों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया.
रॉ सचिव रवि सिन्हा
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के सचिव रवि सिन्हा ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के बारे में खुफिया जानकारी मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व में रॉ और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन ने पाकिस्तान में 21 आतंकी ठिकानों की पहचान की. इनमें से 9 प्राथमिकता वाले ठिकानों को हमले के लिए चुना गया. रॉ में खुफिया जानकारी जुटाने के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक लागू करने का श्रेय उन्हें जाता है. रवि सिन्हा 1988 बैच के आईपीएस हैं.
सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख
ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने में सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की अहम भूमिका रही. सीडीएस अनिल चौहान, एयरफोर्स चीफ मार्शल एपी सिंह, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नेवी प्रमुख दिनेश त्रिपाठी ने एक साथ समन्वय बनाते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया. ये सभी पीएम से लगातार संपर्क में रहे और हमले की रणनीति बनाते रहे.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी
प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी को हमले के बाद कूटनीतिक जुड़ाव के प्रबंधन का काम सौंपा था. अपने कार्य में मिसरी ने इस बात को सुनिश्चित किया कि चयनित लक्ष्यों को नागरिक क्षेत्रों और गैर-सैन्य बुनियादी ढांचे से दूर रखा जाए. ऑपरेशन सिंदूर के बाद उच्च स्तरीय प्रेस ब्रीफिंग भी मिसरी ने की थी और भारत द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में देश को अवगत कराया था.
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