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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (फाइल इमेज) Photograph: (X/ANI)
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग और तृणमूल कांग्रेस के बीच नई तकरार शुरू हो गई है. Special Intensive Revision के दौरान ईसी ने टीएमसी को साफ चेतावनी दी है कि बूथ लेवल ऑफिर्स यानी BLOs पर किसी तरह का दबाव, धमकी या प्रभाव डालने की कोशिश न की जाए. आयोग का कहना है कि मृत, शिफ्टेड या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह स्वतंत्र तरीके से चलनी चाहिए.
काम में दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए
चुनाव आयोग ने एक अहम बैठक में टीएमसी के सभी आरोपों और आशंकाओं को बिना सबूत के लगाए गए दावे बताया. ईसी ने कहा कि पार्टी अपने सुझाव या दावे केवल 9 दिसंबर के बाद ही दे सकती है, क्योंकि तभी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी. उससे पहले BLOs, EROs और DEOs जो राज्य सरकार के कर्मचारी हैं. उनके काम में किसी भी तरह की दखलअंदाजी अस्वीकार्य होगी.
पुलिस कमिश्नर को दिया गया निर्देश
इस दौरान आयोग ने एक और गंभीर मुद्दे का जिक्र किया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पश्चिम बंगाल के कार्यालय में हाल ही में सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना. ECI ने तुरंत प्रभाव से आदेश दिया है कि इस ऑफिस को अधिक सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए. साथ ही कोलकाता पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि पुराने और नए दोनों कार्यालयों की सुरक्षा पुख्ता रहे.
टीएमसी नेता ने लगाया आरोप
आयोग ने राज्य के DGP और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को औपचारिक पत्र भेजकर कहा है कि BLOs को राजनीतिक दबाव या धमकी से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं. इन निर्देशों के तुरंत बाद TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने X पर चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि ECI चुनिंदा लीक फैला रहा है और बैठक में उठाए गए सवालों का सच बताने के बजाय मनगढ़ंत दावे पेश कर रहा है. बनर्जी ने कहा कि आयोग के बयान पूरी तरह झूठ हैं.
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