दिल्ली धमाके के बाद केंद्र का बड़ा एक्शन, अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर ईडी की जांच शुरू

दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद, ईडी ने अल-फ़लाह विश्वविद्यालय पर शिकंजा कस दिया है. केंद्र सरकार ने इसी आधार पर जांच के आदेश दिए हैं.

दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद, ईडी ने अल-फ़लाह विश्वविद्यालय पर शिकंजा कस दिया है. केंद्र सरकार ने इसी आधार पर जांच के आदेश दिए हैं.

author-image
Ravi Prashant
New Update
Al Falah University

अल-फलाह यूनिवर्सिटी Photograph: (X)

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके के बाद केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, सरकार को शक है कि यूनिवर्सिटी के ज़रिए विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का नेटवर्क चलाया जा रहा था. इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच की कमान संभाल ली है.

Advertisment

यूनिवर्सिटी पर कसा शिकंजा

जानकारी के अनुसार, ईडी ने यूनिवर्सिटी से जुड़े कई वित्तीय लेन-देन के दस्तावेज़ पहले ही तलब कर लिए हैं. एजेंसी को संदेह है कि यूनिवर्सिटी की फंडिंग में दुबई कनेक्शन शामिल है और कुछ खातों से संदिग्ध रकम का लेन-देन हुआ है. बताया जा रहा है कि जांच टीम इन खातों की बारीकी से छानबीन कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर पैसा कहां से आया और किन उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया.

आतंकियों के कनेक्शन से चर्चा में यूनिवर्सिटी

दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम चर्चा में इसलिए आया क्योंकि धमाके में शामिल कई आरोपी यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे हैं. जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉ. मुज़म्मिल शकील, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. उमर मोहम्मद तीनों का नाम सामने आया है. ये तीनों कभी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे हैं और इन पर जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध एक आतंकी मॉड्यूल चलाने का आरोप है. माना जा रहा है कि यह मॉड्यूल दिल्ली और उत्तर भारत में बड़े हमलों की साजिश रच रहा था.

2900 किलोग्राम विस्फोट हुआ बरामद

इसी कड़ी में जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद में एक ठिकाने से करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री और बड़ी मात्रा में असॉल्ट राइफलें बरामद की थीं. माना जा रहा है कि इन हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में किसी बड़े आतंकी हमले के लिए किया जाना था.

70 एकड़ में फैली है यूनिवर्सिटी

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी और यह करीब 70 एकड़ में फैली है. यहां मेडिकल साइंस, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, एजुकेशन और ह्यूमैनिटीज जैसे कोर्स संचालित होते हैं. यूनिवर्सिटी का मेडिकल कॉलेज अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर 2019 से एमबीबीएस डिग्री प्रदान कर रहा है, जिसमें 200 सीटें हैं और पांच साल की कुल फीस लगभग ₹74.5 लाख है.

40 परसेंट कश्मीरी छात्र

जानकारी के मुताबिक, यहां पढ़ने वाले करीब 40 प्रतिशत छात्र कश्मीर से आते हैं. अब जांच एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि क्या यूनिवर्सिटी के कुछ विभागों या स्टाफ ने आतंकी गतिविधियों को परोक्ष रूप से सहायता दी थी.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि यदि मनी लॉन्ड्रिंग या विदेशी फंडिंग के सबूत मिलते हैं, तो यूनिवर्सिटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल ईडी और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां मिलकर इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच में जुटी हैं.

ये भी पढ़ें- Delhi Red Fort Blast Update: दिल्ली-NCR की इन जगहों पर धमाका करने वाले थे आतंकी

Delhi Blast
Advertisment