अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों पर संकट के बादल छाए हुए हैं. बुधवार को अमेरिकी सैन्य विमान से अवैध भारतीय प्रवासियों का एक जत्था लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. इसमें 104 अवैध भारतीय अप्रवासी थे. इसमें 30 हरियाणा, 30 गुजरात, 30 पंजाब के थे. इस जत्थे में तीन महाराष्ट्र और दो उत्तर प्रदेश से थे. इन लोगों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग थे. इसमें सबसे कम उम्र का यात्री मात्र चार साल का है. 25 वर्ष से कम उम्र के 48 लोग हैं.
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7 लाख से अधिक अवैध भारतीय अप्रवासी अमेरिका में मौजूद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. तब वे अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त कदम उठा रहे हैं. प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 7,25,000 अवैध भारतीय अप्रवासी अमेरिका में मौजूद हैं. ये मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे बड़ी अवैध अप्रवासियों की आबादी है.
अवैध रूप से रह रहे भारतीय की 'वैध वापसी' को लेकर तैयार: जयशंकर
आपको बता दें कि अगले सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी भी अमेरिकी यात्रा पर जाने वाले हैं. ट्रंप के दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की यह पहली यात्रा है. ऐसे में देखना होगा कि क्या अवैध प्रवाधियों को लेकर ट्रंप कुछ नरमी बरतते हैं या नहीं. हालांकि विदेश मंत्री (ईएएम) एस.जयशंकर ने पहले ही कह दिया था कि नई दिल्ली अमेरिका समेत विदेशों में अवैध रूप से रह रहे भारतीय की 'वैध वापसी' को लेकर तैयार है. राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ लेते ही मीडिया से बात की थी कि ऐसा इतिहास में पहली बार, हम अवैध विदेशियों का पता लगाने में लगे हैं. उन्हें सैन्य विमानों से वापस उनके देश भेजने की तैयारी हो रही है.
मेरिकी अर्थव्यवस्था में इनका भी योगदान है: मंत्री
इस मामले को लेकर पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भारतीयों को निर्वासित करने के अमेरिका के निर्णय पर निराशा व्यक्त की है. उनका कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में इनका भी योगदान है. उन्हें निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास देना चाहिए था. पंजाब और आसपास के कई लोग जो निर्वासन का सामना कर रहे हैं, उन्होंने लाखों रुपये खर्च करके 'डंकी मार्ग" या अन्य अवैध तरीके से अमेरिका में एंट्री की थी. अब ट्रंप ऐसे अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रहे हैं.