Diwali 2025: उत्साह के साथ देशभर में मनाया गया दिवाली का त्योहार, रोशनी से जगमगाया पूरा देश

Diwali 2025: देशभर में सोमवार को दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान देशभर में घर और सड़कें जगमगा उठीं. शहर हो या गांव हर जगह रंग बिरंगी रोशनी देखने को मिली.

Diwali 2025: देशभर में सोमवार को दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान देशभर में घर और सड़कें जगमगा उठीं. शहर हो या गांव हर जगह रंग बिरंगी रोशनी देखने को मिली.

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Suhel Khan
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Chennai Diwali Celebration

देशभर में धूमधाम से मनाई गई दिवाली Photograph: (ANI)

Diwali 2025: देशभर में सोमवार को दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान देशभर में घर और सड़कें जगमगा उठीं. शहर हो या गांव हर जगह रंग बिरंगी रोशनी देखने को मिली. भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहार दिवाली धर्म और क्षेत्र से परे है, जो परिवारों, समुदायों और संस्कृतियों को प्रकाश, आनंद और एकजुटता के जीवंत उत्सव में एक साथ मनाया जाता है.

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राजधानी दिल्ली का दिल कहा जाने वाला कनॉट प्लेस रोशनी, सजावट और पारिवारिक समारोहों के जगमगाते केंद्र में तब्दील हो गया. मंदिर, घर और सड़कें, हज़ारों दीयों (तेल के दीयों), आकर्षक रोशनियों और रंग-बिरंगी रंगोलियों से जगमगा उठीं रंगीन पाउडर, चावल और फूलों की पंखुड़ियों से बनी सुंदर डिज़ाइनें. दिवाली सिर्फ़ आतिशबाज़ी तक ही सीमित नहीं है. पूरे देश में, परंपरा, खान-पान और परिवार पर ज़ोर रहा. त्योहार से पहले के दिनों में घरों की सफ़ाई और सजावट की गई. लोगों ने नए कपड़े खरीदे, उपहारों का आदान-प्रदान किया और तरह-तरह के त्योहारी व्यंजन बनाए—गुलाब जामुन और लड्डू जैसी मीठी मिठाइयों से लेकर नमकीन नाश्ते और लज़ीज़ करी तक.

मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क में शानदार आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया, जबकि चंडीगढ़ जैसे शहर और असम के कई कस्बे सजावटी रोशनी और उत्सव के उत्साह से जगमगा उठे. धार्मिक अनुष्ठान उत्सव के केंद्र में रहे. देश भर के परिवारों ने धन और समृद्धि की देवी, देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की और आने वाले वर्ष के लिए आशीर्वाद मांगा.

यह उत्सव घरों और शहर के केंद्रों तक ही सीमित नहीं था. भारत-बांग्लादेश सीमा पर, बीएसएफ के जवानों ने अपने परिवारों से दूर, दीये जलाकर और साथी सैनिकों के साथ मिठाइयाँ बाँटकर दिवाली मनाई, जो देश की सुरक्षा के लिए दिए गए उनके बलिदानों की याद दिलाता है.

दिल्ली में, पवित्र गुरुद्वारा बंगला साहिब दिवाली और बंदी छोड़ दिवस, दोनों की पूर्व संध्या पर जगमगा रहा था. बंदी छोड़ दिवस एक सिख उत्सव है जो इस त्योहार के साथ मेल खाता है, जो इस अवसर की समावेशी भावना को दर्शाता है. इन परस्पर जुड़े उत्सवों ने विभिन्न धर्मों के लोगों को एक साथ ला दिया, जिससे एक एकीकृत सांस्कृतिक आयोजन के रूप में दिवाली की बढ़ती भूमिका की पुष्टि हुई. 2014 में शुरू की गई अपनी परंपरा को जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाई. भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत, आईएनएस विक्रांत पर. प्रधानमंत्री ने उनके समर्पण और पराक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा, "हमारे सैनिक देश का गौरव हैं."

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