जब भी कहीं बाहर जाना होता है तो हम या तो एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं या फिर कोई हाईवे वाला रास्ता पकड़ते हैं. गली-मोहल्लों वाली गली की बजाए एक्सप्रेसवे और हाइवे की मदद से हम जल्दी अपने मुकाम तक पहुंच सकते हैं. हाइवे और एक्सप्रेसवे पर जाम भी नहीं लगता है. आज के दौर में कहीं भी जाना अब बहुत आसान हो गया है. हाइवे-एक्सप्रेसवे की मदद से समय भी कम बर्बाद होता है.
एक्सप्रेसवे और हाईवे के बीच में अंतर क्या होता है, ये एक ऐसा सवाल है, जो शायद हर किसी के दिमाग में आता होगा लेकिन ढंग से जवाब कहीं मिला नहीं होगा तो आइये आज हम आपको इसका जवाब देते हैं.
एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां बहुत तेज चलती है
हाईवे और एक्सप्रेसवे ने मीलों की दूरियों को कई गुना खत्म कर दिया है. देश में वर्तमान में एक्सप्रेस-वे पर काम हो रहा है. हाईवे की अपेक्षा में एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां बहुत तेज चलती हैं. एक्सप्रेस-वे अधिक ऊंचाई पर बनाया जाता है. हाईवे जहां दो-चार लेन की चौड़ी सड़क होती है तो एक्सप्रेसवे छह से आठ लेन की होती है. एक्सप्रेसवे के लिए अलग-अलग एंट्रेंस और एग्जिट रैंप्स होते हैं. एक्सप्रेसवे पर हादसों की संभावना कम होती है.
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देश में कितने हाइवे और कितने एक्सप्रेसवे हैं
देश में वर्तमान में 23 एक्सप्रेसवे हैं. जबकि 18 एक्सप्रेसवे को लेकर काम हो रहा है. वहीं देश में 599 हाइवे हैं. नेशनल हाईवे 44 को देश का सबसे लंबा हाईवे कहा जाता है. जिसकी कुल लंबाई 3745 किलोमीटर है. ये हाइवे श्रीनगर से कन्याकुमारी तक जाता है.
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स्पीड लिमिट और टोल रेट कैसा है
हाईवे पर चलने वालों को एक्सप्रेसवे वालों की तुलना में कम टोल देना पड़ता है. रिपोर्ट के अनुसार, एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई देश में फिलहाल करीब 4000 किलोमीटर है. एक्सप्रेसवे को 120 किमी प्रति घंटे के लिहाज से डिजाइन किया गया है. वहीं, हाइवे की लिमिट 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे होती है.
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