Delhi Red Fort Blast: लाल किले के पास हुए धमाके वाली i20 कार में मौजूद था डॉ. उमर, DNA जांच में हुई पुष्टि

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि धमाके वाली कार में डॉ. उमर मौजूद था. कार के मलबे से मिले शव का डीएनए डॉ. उमर के परिवार के मैच हो गया है.

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि धमाके वाली कार में डॉ. उमर मौजूद था. कार के मलबे से मिले शव का डीएनए डॉ. उमर के परिवार के मैच हो गया है.

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Suhel Khan
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धमाके वाली कार में मौजूद था डॉ. उमर Photograph: (Social Media)

Delhi Red Fort Blast: राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार को हुए विस्फोट के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल, फोरेंसिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके वाली हुंडई i20 कार में आतंकी डॉ. उमर मौजूद था. कार के मलबे से मिले शव का डीएनए टेस्ट डॉ. उमर के परिवार के सदस्यों से मिल गया है.

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उमर की मां के डीएनए से मिला शव का DNA

जिससे इस बात की पुष्टि हुई है धमाके वाली i20 कार को कोई और नहीं बल्कि डॉ. उमर ही चला रहा था. बुधवार रात सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. बता दें कि इस धमाके में 8 लोगों की मौत हुई है जबकि 20 लोग घायल हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, यह पुष्टि डॉ. उमर की मां के डीएनए नमूनों के विस्फोट स्थल से बरामद हड्डियों और दांतों से निकाले गए डीएनए नमूनों से मिलान के बाद हुई. नमूनों का विश्लेषण एम्स फोरेंसिक प्रयोगशाला के विशेषज्ञों द्वारा किया गया. बता दें कि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) ने संदिग्ध की मां के डीएनए नमूने लिए थे. उनके नमूने आगे की जांच के लिए एम्स फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजे गए थे.

एनआईए ने गठित किया जांच दल

इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली में हुए कार विस्फोट की जांच के लिए एक जांच दल का गठन किया है. दिल्ली हुए धमाके को एक आतंकवादी हमला बताया गया है. भारतीय एजेंसियों के मुताबिक, इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल द्वारा अंजाम दिया. शीर्ष सूत्रों से ये जानकारी मिली है. जानकारी के मुताबिक, ये दल पुलिस अधीक्षक और उससे ऊपर के रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काम करेगा, जिससे मामले की समन्वित और गहन जांच सुनिश्चित होगी. यह कदम गृह मंत्रालय द्वारा विस्फोट के पीछे आतंकी पहलू का हवाला देते हुए औपचारिक रूप से जांच एनआईए को सौंपे जाने के बाद उठाया गया है.

दिल्ली विस्फोट की जांच में अब तक क्या खुलासा हुआ?

अब तक की जांच में इस विस्फोट को फरीदाबाद में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पहले ध्वस्त किए गए एक चरमपंथी मॉड्यूल से जोड़ा है. यह मॉड्यूल कथित तौर पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हरियाणा स्थित अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों से जुड़ा है. जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि लाल किले के पास हुआ विस्फोट आतंकियों के खिलाफ हुई छापेमारी के बाद घबराहट में किया गया था. फरीदाबाद के अल-फ़लाह अस्पताल में कार्यरत पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी पर हमले में इस्तेमाल की गई सफेद हुंडई i20 कार चलाने का संदेह है.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एक "सफेदपोश" आतंकी मॉड्यूल के प्रमुख सदस्यों की इस साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर लाल किले को निशाना बनाने की योजना थी, जो राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमला करने की उनकी बड़ी साजिश का हिस्सा था और उन्होंने स्मारक के आसपास के इलाके की कई बार रेकी भी की थी.

जांच में इस बात का भी पता चला है कि धमाके का मुख्य संदिग्ध, डॉ. उमर नबी, जो सोमवार को लाल किले के पास विस्फोट करने वाली हुंडई i20 कार चला रहा था, और डॉ. मुज़म्मिल गनई, जिन्हें पुलिस द्वारा फरीदाबाद स्थित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. दोनों तुर्किये भी गए थे. जहां उनके संचालकों के मौजूद होने का संदेह है.

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