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Delhi News: दिल्ली के लाल किले के पास हुए आत्मघाती हमले में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक यह साजिश नई नहीं थी, बल्कि साल 2023 से ही इस हमले की प्लानिंग की जा रही थी.
32 जगहों पर ब्लास्ट की थी योजना
NIA की जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने दिल्ली समेत देश के अलग-अलग शहरों में कुल 32 जगहों पर धमाका करने की योजना बनाई थी. यह हमला फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास की रणनीति की तर्ज पर किया जाना था.
इस साजिश का खुलासा आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद के साथी डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने किया है. उसने बताया कि पिछले दो साल में आतंकियों ने विस्फोटक, रिमोट और बम बनाने का सारा सामान जुटाया था. यह पूरी तैयारी पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क के जरिए की जा रही थी. जैश का मकसद भारत में सफेदपोश आतंकियों का मॉड्यूल तैयार करना था, जो बिना शक के देश के अंदर बड़ी आतंकी गतिविधियां अंजाम दे सकें.
एक पोस्टर से मिला सुराग
जम्मू-कश्मीर में मस्जिद पर लगे एक पोस्टर से इस पूरी साजिश का सुराग मिला. इसके बाद वहां की पुलिस ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस को अलर्ट किया कि आतंकी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी की, और उमर का साथी गिरफ्तार हुआ. घबराहट में उमर ने खुद को विस्फोटक से भरी कार में उड़ा दिया.
जांच में यह भी सामने आया है कि हमले के लिए आतंकियों ने 26 लाख रुपये खुद इकट्ठा किए थे. अब NIA की नजर अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पूर्व और मौजूदा कुलपति समेत कई छात्रों पर है. यह मामला देश की सुरक्षा व्यवस्था और आतंकी नेटवर्क की नई रणनीति को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है.
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