भारत ने बढ़ाई सैन्य ताकत, थलसेना, वायुसेना और नौसेना के लिए 79,000 करोड़ के रक्षा सौदों को मंजूरी

भारत ने अपनी तीनों सेनाओं की मारक क्षमता और ताकत को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने लगभग 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद के प्रस्तावों को मंज़ूरी दे दी है.

भारत ने अपनी तीनों सेनाओं की मारक क्षमता और ताकत को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने लगभग 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद के प्रस्तावों को मंज़ूरी दे दी है.

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Ravi Prashant
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indian defence news Photograph: (ANI)

भारत ने अपनी तीनों सेनाओं की मारक क्षमता और ताकत को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में करीब 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है. यह सौदे सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों के लिए तय किए गए हैं. 

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थलसेना के लिए नया मिसाइल सिस्टम और निगरानी उपकरण

DAC ने भारतीय सेना के लिए ‘नाग मिसाइल सिस्टम ऑन ट्रैक’ (Mk-II NAMIS) को ‘स्वीकृति आवश्यकता’ (Acceptance of Necessity) की मंजूरी दी है. यह उन्नत ट्रैक्ड मिसाइल सिस्टम दुश्मन के टैंकों, बंकरों और फील्ड फोर्टिफिकेशन्स को तबाह करने में सक्षम होगा. इसके साथ ही सेना के लिए ग्राउंड-बेस्ड मोबाइल ELINT सिस्टम (GBMES) और हाई-मोबिलिटी व्हीकल्स विद क्रेन्स खरीदने की भी अनुमति दी गई है. ये सिस्टम सेना को दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों पर नजर रखने और कठिन इलाकों में लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में मदद करेंगे.

नौसेना को मिलेंगे लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक और स्मार्ट हथियार

भारतीय नौसेना के लिए मंजूर की गई खरीद सूची में लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPD), 30mm नेवल सरफेस गन, एडवांस्ड लाइटवेट टॉरपीडो, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76mm गन के लिए स्मार्ट एम्युनिशन शामिल हैं.

LPD जहाज नौसेना को थलसेना और वायुसेना के साथ संयुक्त एम्फीबियस ऑपरेशन्स यानी समुद्र और तट दोनों से एक साथ हमले में मदद करेंगे. इन्हें शांति मिशन, आपदा राहत और मानवीय सहायता कार्यों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. डीआरडीओ की नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लैबोरेटरी द्वारा विकसित हल्के टॉरपीडो अब भारत के अपने हथियारों के भंडार में शामिल होंगे, जो पारंपरिक और परमाणु पनडुब्बियों को निशाना बना सकते हैं.

वायुसेना के लिए उन्नत टारगेट सिस्टम

भारतीय वायुसेना के लिए DAC ने Collaborative Long Range Target Saturation/Destruction System (CLRTS/DS) को मंजूरी दी है. यह सिस्टम बिना पायलट के उड़ान भरने, उतरने, नेविगेशन करने और लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता रखता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सभी सौदे आत्मनिर्भर भारत के तहत ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करेंगे और तीनों सेनाओं की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमता को नई ऊंचाई देंगे.

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