दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया फ्लाइट एआई(AI) 2957 में हाइजैक का अलार्म बजने के बाद अफरा-तफरी का माहौल देखा गया. इस दौरान पायलट ने तुरंत दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचित किया. मगर बाद में सामने आया कि यह एक झूठा अलार्म था. इस बीच एटीसी ने प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा एजेंसियों और भारतीय वायुसेना को अलर्ट कर दिया.
जानें क्या हुआ था
एयर इंडिया की इस फ्लाइट में 126 यात्री यात्रा कर रहे थे. उड़ान भरने के बाद विमान के ट्रांसपोंडर ने स्क्वॉक 7500 कोड ट्रांसमिट किया. यह आमतौर पर हाइजैकिंग के संकेत को सामने रखती है.
स्कवॉक कोड क्या है
स्कवॉक कोड चार अंक का होता है. इसका उपयोग एयर ट्रैफिक कंट्रोल फ्लाइट की पहचान को लेकर किया जाता है. यह कोड 0000 से 7777 तक होता है. फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइट रडार के अनुसार, स्क्वॉक कोड 7500 का अर्थ अवैध हस्तक्षेप होता है. इसे अक्सर हाइजैकिंग का संकेत कहा जाता है.
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पायलट ने बताया कि यह एक फेक अलार्म था. सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बरतते हुए सभी प्रोटोकॉल का पालन किया. एक पूर्व एटीसी अफसर के अनुसार, 'हम यह नहीं मान सकते कि पायलट पर कोई दबाव नहीं है.'
एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
यह फ्लाइट रात को 9:47 बजे मुंबई पहुंची. विमान को आइसोलेशन बे में लाया गया. यात्रियों को एक घंटे के बाद विमान से उतरने की इजाजत दी गई. इसके बाद जब यह तय हो गया कि कोई खतरा नहीं है तो मुंबई एयरपोर्ट के एक अफसर ने बताया कि प्रोटोकॉल के तहत मुंबई एयरपोर्ट पर एरोड्रोम कमेटी का गठन किया गया. इसके बाद आपातकालीन स्थिति का ऐलान किया गया. इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर रहीं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अफसरों के अनुसार, एयरलाइन ने इस घटना की रिपोर्ट दी. वहीं नागर विमान महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इस केस की जांच शुरू कर दी है.