एक्स को कोर्ट ने दिया झटका, केंद्र के खिलाफ दायर याचिका ​को किया खारिज, कहा- कानून का पालन करना होगा

देश में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स को आदेश दिए गए थे कि कुछ अकाउंट्स और पोस्ट को ब्लॉक किया जाए. मगर केंद्र सरकार के उन आदेशों को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.

देश में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स को आदेश दिए गए थे कि कुछ अकाउंट्स और पोस्ट को ब्लॉक किया जाए. मगर केंद्र सरकार के उन आदेशों को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.

author-image
Mohit Saxena
New Update
X and Elon Musk

X (पूर्व में ट्विटर) को बड़ा झटका Photograph: (Social Media)

कर्नाटक हाईकोर्ट की ओर से बुधवार को X (पूर्व में ट्विटर) को बड़ा झटका लगा है. टेकडाउन ऑर्डर को चुनौती वाली याचिका को खारिज कर दिया गया है. अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में काम करते समय देश के कानूनों का पालन करना होगा. आपको बता दें केंद्र सरकार की ओर से एक्स के कुछ अकाउंट्स और पोस्ट ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए थे. मगर एक्स ने इन आदेशों को चुनौती देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कराई. एक्स का तर्क था कि उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। 

Advertisment

देश के कानूनों और नियमों का पालन करना जरूरी

केंद्र सरकार के टेकडाउन ऑर्डर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया गया है. अदालत ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में काम करने को लेकर देश के कानूनों का पालन करना जरूरी होगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने ट्विटर यानि एक्स को कुछ अकाउंट और पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. इस पर एक्स ने इन आदेशों को चुनौती दी. इसके लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका को दायर किया गया. एक्स का तर्क था कि उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. वह अमेरिकी कानूनों के अनुसार काम करता है. भारत के टेकडाउन आदेशों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है. इसके जवाब में सरकार ने कहा कि भारत में किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कानूनों और नियमों का पालन करना जरूरी है. अनुच्छेद 19 केवल भारतीय नागरिकों के लिए अभि​व्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. यह छूट विदेशी कंपनियों या गैर-नागरिकों के लिए नही है. 

बिना नियंत्रण के काम करने की इजाजत नहीं

X की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का नियमन आज के समय की जरूरत है. कंपनियों को बिना नियंत्रण के काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 केवल नागरिकों के लिए स्वतंत्र अभिव्यक्ति की सुरक्षा करता  है यानी विदेशी कंपनियों या गैर-नागरिकों के लिए इसे लागू नहीं किया जा सकता.

कानून की अवहेलना और अराजकता का कारण 

हाईकोर्ट का कहना है कि एक्स अमेरिका के कानूनों का पालन करता है. भारत में लागू टेकडाउन आदेशों को मानने से इनकार कर रहा है. अदालत ने कहा कि  सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म भारत में काम करना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें देश के कानूनों से परिचित होना चाहिए. 'भारत में नियम और कानून पूरी तरह से अलग हैं'. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में बिना निगरानी के काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अनियंत्रित ऑनलाइन अभिव्यक्ति कानून की अवहेलना और अराजकता का कारण बन सकती है. कोर्ट ने साइबर अपराध से निपटने को लेकर सहयोग पोर्टल उल्लेख करते हुए बताया कि 2011 के श्रेया सिंघल फैसले की तुलना में 2021 के नियमों की अलग व्याख्या की जरूरत है. कोर्ट ने अमेरिकी न्यायशास्त्र को भारत में लागू करने की बात को खारिज किया. उन्होंने कहा कि भारत में नियम और कानून पूरी तरह से अलग हैं. 

ये भी पढ़ें:Cabinet Meeting: दिवाली से पहले रेलवे कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, कैबिनेट मीटिंग में इन प्रस्तावों को मंजूरी

elon musk company Musk
Advertisment