देश का नया भूकंप मैप जारी, पूरा हिमालयन क्षेत्र सबसे खतरनाक जोन-6 में शामिल, देखिए वीडियो

India New Earthquake Map: देश का नया भूकंप मैप जारी किया गया है. यह मैप बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) द्वारा अपडेट किया गया है. आप यहां वीडियो के माध्यम से इसे समझ सकते हैं.

author-image
Deepak Kumar
New Update

India New Earthquake Map: देश का नया भूकंप मैप जारी किया गया है. यह मैप बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) द्वारा अपडेट किया गया है. आप यहां वीडियो के माध्यम से इसे समझ सकते हैं.

भारत में भूकंप के बढ़ते खतरों को देखते हुए देश का नया भूकंप मैप जारी किया गया है. यह मैप बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) द्वारा अपडेट किया गया है. आपको बता दें कि पहले देश को भूकंप के खतरे के अनुसार Zone-2, Zone-3, Zone-4 और Zone-5 में बांटा गया था. लेकिन अब वैज्ञानिक तकनीक और ताजा भूकंप गतिविधियों के आधार पर इन जोन को और स्पष्ट तरीके से बदला गया है.

Advertisment

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के वैज्ञानिक रविकांत सिंह ने बताया कि पुराने मैप में हिस्टोरिकल अर्थक्वेक डेटा, नुकसान के सर्वे और टेक्टोनिक स्ट्रक्चर के आधार पर जोन तय किए गए थे. लेकिन नया मैप आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक Probabilistic Seismic Hazard Assessment (PSHA) से तैयार किया गया है. इसमें यह देखा गया है कि किस इलाके में कितनी जनसंख्या रहती है, कहां महत्वपूर्ण इमारतें हैं और कहां भूकंप के आने की संभावना सबसे ज्यादा है.

क्या बड़ा बदलाव किया गया?

जारी किए गए नए मैप में अब पूरा हिमालयन क्षेत्र, उत्तर-पूर्व भारत, अंडमान-निकोबार और गुजरात का कुछ हिस्सा नए सबसे खतरनाक जोन-6 में रखा गया है. यह जोन पहले मौजूद नहीं था. पहले सबसे खतरनाक जोन-5 था, लेकिन अब उससे ज्यादा जोखिम वाला जोन-6 बनाया गया है.

दिल्ली को जोन-4 में रखा गया है, जबकि जयपुर, जो पहले Zone-2 में था, अब Zone-4 में आ गया है. भोपाल और छत्तीसगढ़ के आसपास के कुछ हिस्सों को भी अधिक जोखिम वाले जोन में शामिल किया गया है.

जोन बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

हिमालय क्षेत्र बेहद ज्यादा भूकंप-प्रवण माना जाता है, क्योंकि यहां लगातार टेक्टोनिक गतिविधियां होती रहती हैं. यहां हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट, MCT और MBT जैसी बड़ी फॉल्ट लाइनों के कारण बड़े भूकंप की आशंका रहती है. साथ ही इन क्षेत्रों में जनसंख्या और निर्माण तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए सुरक्षित और मजबूत इमारतों की जरूरत बढ़ गई है.

लाभ क्या होगा?

  • अब अस्पताल, स्कूल, पुल और डैम जैसी महत्वपूर्ण इमारतें अधिक सुरक्षित तरीके से बनाई जाएंगी.

  • भवन बनाने के समय रिटर्न पीरियड यानी भूकंप की संभावना के अनुसार डिजाइन का विकल्प मिलेगा.

  • नए नियमों से जान-माल का नुकसान कम किया जा सकेगा.

रविकांत सिंह ने बताया कि इस अपडेट का मुख्य उद्देश्य भारत को भूकंप की दृष्टि से मजबूत और सुरक्षित बनाना है, ताकि भविष्य में बड़े हादसों से बचा जा सके. नए मैप के जारी होने के बाद उम्मीद है कि पूरे देश में निर्माण कार्य अधिक वैज्ञानिक और सुरक्षित मानकों के अनुसार होंगे.

यह भी पढ़ें- Karnataka Row: न मतभेद था, न है और न रहेगा... डीके से विवाद के बीच बोले सीएम सिद्धारमैया

यह भी पढ़ें- Cyclone Ditwah: चक्रवाती तूफान का असर, भारी बारिश के बीच तमिलनाडु में स्कूलों की छुट्टी घोषित

national news India New Earthquake Map New Earthquake map of India
Advertisment