चोरी छिपे पहुंच रहा चीनी लहसुन, बाजारों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा, 2014 से लगी है रोक

चोरी छिपे कालाबाजारी के जरिए नेपाल से होते हुए चीनी लहसुन यहां पर पहुंच रहा है। यह देश की अलग-अलग मंडियों में पहुंच रहा है.

चोरी छिपे कालाबाजारी के जरिए नेपाल से होते हुए चीनी लहसुन यहां पर पहुंच रहा है। यह देश की अलग-अलग मंडियों में पहुंच रहा है.

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Mohit Saxena
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chinese garlic (social media)

चीन से चोरी छुपे कालाबाजारी के जरिए नेपाल से होते हुए चीनी लहसुन देश में आ रहा है. यह एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है, क्योंकि भारत में चीनी लहसुन को बैन किए जाने के बाद इसे बाजारों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. इसको लेकर मांग उठने लगी है कि इस चीनी लहसुन को बड़ी मंडियों, रिटेल दुकानदारों से जब्त करके नष्ट किया जाए. नेपाल के  रस्ते महराजगंज से होते हुए चीनी लहसुन भारत के अलग-अलग मंडियों में पहुंचता है. 

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बड़ी खेप को जब्त करके खत्म किया गया

2024 में चीनी लहसुन की बड़ी खेप को जब्त करके खत्म किया गया. लेकिन एक बार फिर से इसकी कालाबाज़ारी शुरू हो चुकी है. ऐसे में सवाल उठता है की चीनी लहसुन और भारतीय लहसुन में क्या फर्क क्या है. इस बारे में जब डॉक्टर बीपी त्यागी से बात की तो उन्होंने चीनी लहसुन पर चौकाने वाले खुलासे किये.  

2014 से चीनी लहसुन पर रोक लगाई

बताया जाता है कि कीटनाशकों से चीनी लहसुन तैयार किया जाता है. इसमें केमिकल की सफेद कोटिंग होती है. यह लंबे समय तक चले, इसलिए एक सफेद लेयर चीनी लहसुन पर दिखाई देती है. चीनी लहसुन चमकदार होते हैं. वहीं भारतीय लहसुन पर किसी तरह की कोटिंग नहीं होती है. 2014 से चीनी लहसुन पर रोक लगाई है. इसके बाद भी देश में चीनी लहसुन की सबसे अधिक बिक्री होती है. 

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