Pahalgam Terrorist Attack: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस दर्दनाक घटना में अब तक 26 निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है. इस हमले से बचे लोगों के बयान अब सामने आ रहे हैं, जिनमें से एक छोटे बच्चे की आपबीती बेहद दिल दहला देने वाली है.
पापा को गोली मार दी
मीडिया से बात करते हुए बच्चे ने बताया कि वह अपने मम्मी, पापा और बहन के साथ वहां गया था. लेकिन वहां जो कुछ हुआ, वो किसी बुरे सपने से कम नहीं था. उसने कहा, “मेरे आंखों के सामने मेरे पापा को गोली मार दी गई. मेरी मम्मी पापा को छोड़ना नहीं चाहती थीं, लेकिन उन्हें हमारी खातिर वहां से जाना पड़ा.” उस मासूम की आवाज़ में डर और दर्द साफ झलक रहा था.
धर्म के आधार पर किया अलग
उसने बताया कि आतंकी जब आए तो उन्होंने सबसे पहले वहां मौजूद लोगों को धर्म के आधार पर अलग कर दिया. आतंकियों ने कहा, “मुस्लिम और हिंदू अलग हो जाओ.” इसके बाद उन्होंने कई लोगों से कलमा पढ़ने को कहा. जो नहीं पढ़ सके, उन्हें गोली मार दी गई. वहां चीख-पुकार मच गई. कोई भागने की कोशिश कर रहा था, कोई अपनों को बचाने की.
ये भी पढ़ें- मृतकों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे योगी, भजनलाल समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, ओडिशा सीएम ने 20 लाख रुपये और एक नौकरी का किया वादा
वहां पर नहीं मौजूद थी सेना
बच्चे ने आगे बताया, “मेरी मम्मी ने मुझे घोड़े पर बैठाया, फिर नीचे उतारकर किसी तरह मुझे और मेरी बहन को लेकर वहां से भागीं. हम जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर वहां से निकले. अगर मां ने साहस नहीं दिखाया होता तो शायद हम भी नहीं बच पाते.” उसने यह भी बताया कि पहलगाम में उस वक्त कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी.
न कोई पुलिस थी, न सेना. अगर समय रहते सुरक्षा बल वहां होते, तो शायद इतने लोगों की जान बचाई जा सकती थी. यह घटना न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि मानवता को भी झकझोर देती है. इस मासूम की कहानी हर किसी की आंखें नम कर देती है.
ये भी पढ़ें- "कलमा पढ़ना शुरू किया तो बच गई जान", जब प्रोफेसर का आतंकियों से हुआ सामना