Bakrid: बकरीद से पहले चीफ इमाम का देश भर के मुसलमानों को संदेश, हिंदुओं का नाम लेकर कही ये बात

Bakrid: ईद-उल अजहा यानी बकरीद से पहले डॉ. उमर अहमद इलियासी ने देश भर के मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया है. आखिर उन्होंने क्या कहा है, आइये जानते हैं.

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Jalaj Kumar Mishra
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Dr. Umer Ahmed Ilyasi

Dr. Umer Ahmed Ilyasi

सात जून यानी शनिवार को देश भर में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जाएगी. त्योहार से पहले ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉ. उमर अहमद इलियासी ने बड़ा संदेश दिया है. उन्होंने देश भर के मुसलमानों से कहा है कि वे बकरीद पर प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें. 

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डॉ, इलियासी ने कहा कि सबसे पहले आपको ये समझने की जरूरत है कि बकरे की ईद नहीं है. इस त्योहार का नाम ईद-उल अजहा है. ये समर्पण, आज्ञाकारिता, बलिदान और त्याग का त्योहार है. भारत एक सेक्युलर देश है. यहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं. हमें हर किसी का सम्मान करना चाहिए. 

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आपको प्रशासन के नियमों पर अमल करना होगा. 

भारत की विशेषता है अनेकता में एकता. उन्होंने आगे कहा कि मैं मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि वे सिर्फ उन्हीं जानवरों की कुर्बानी करें, जिसकी इजाजत दी गई है. प्रशासन के नियमों पर अमल करना होगा. हर जगह जानवरों को न काटें, सिर्फ तय जगहों पर ही कुर्बानी दें. 

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'हिंदू भाइयों की आस्था का ख्याल रखें'

इलियासी ने आगे कहा कि हर जगह जानवरों को कुर्बान न करें क्योंकि उनका खून बहेगा और गंदगी फैलेगी. हाईजीन का ख्याल रखें. इसलिए इसका नाम कुर्बानी है. आपके घर के पड़ोस में अगर कोई हिंदू रहता है तो आपको और ज्यादा इसका ख्याल करना होगा. आपको हिंदू और जैन समुदाय की आस्थाओं का भी ख्याल रखना होगा. 

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'कुर्बानी का वीडियो बिल्कुल न बनाएं'

अंत में इलियासी ने कहा कि तमाम मुसलमानों से मैं ये कहना चाहता हूं कि जानवर की कुर्बानी के वक्त फोटो और वीडियो न बनाएं. कर्बानी दिखावे का काम बिल्कुल भी नहीं है. क्योंकि अगर आपकी वीडियो से किसी का दिल दुखता है तो आपकी कुर्बानी कबूल नहीं होगी. ये कुर्बानी अल्लाह के लिए है.  

 

 

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