आंध्र प्रदेश भाजपा ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) से लगभग एक हजार गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाने की मांग की है. प्रदेश प्रवक्ता और टीटीडी के सदस्य भानु प्रकास रेड्डी ने कहा कि बोर्ड के प्रतिनिधि 14 फरवरी को सीएम चंद्रबाबू नायडू से मिलेंगे. प्रतिनिधि सीएम से निवेदन करेंगे कि गैर-हिंदुओं को मंदिर की सेवाओं से हटाया जाए.
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने कोई भी बयान देने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है.
मंदिर बोर्ड पहले ही 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटा चुका
बता दें, मंदिर बोर्ड ने एक दिन पहले 18 गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाने की जानकारी दी थी. इन्हें टीटीडी के नियमों का उल्लंघन करते पाया गया था. मंदिर बोर्ड ने इस वजह से 18 कर्मचारियों के सामने शर्तें रखीं की या तो वे किसी दूसरे विभाग में ट्रांसफर करवा लें या फिर वीआरएस ले लें. मंदिर प्रशासन का कहना है कि ऐसा उन्होंने मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए किया है.
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टीटीडी ने अपने एक बयान में कहा कि मंदिर में काम करने के दौरान ये कर्मचारी गैर हिंदू प्रथाओं को मान रहे थे. इस वजह से मंदिर अध्यक्ष बीआर नायडू के कहने पर कार्रवाई की गई.
क्या बोले मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष
टीटीडी अध्यक्ष नायडू ने कहा कि हमने कुछ टीटीडी कर्चमारियों की पहचान की है, जो गैर हिंदू हैं. उन्हें वीआरएस लेने के लिए कहा जाएगा. अगर वे नहीं मानते तो उन्हें नगर पालिका, राजस्व या किसी और सरकारी विभाग में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. चार फरवरी को बोर्ड मीटिंग में ये प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है.
दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है तिरूपति
बता दें, टीटीडी 12 मंदिरों का रखरखाव करता है. इसमें 14 हजार से अधिक कर्मचारी है. अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में मंदिर ट्रस्ट ने 1161 करोड़ रुपए की एफडी कराई थी. ट्रस्ट ने बैंक में अब तक कुल 13287 करोड़ रुपए की एफडी कराई है. टीटीडी देश का इकलौता मंदिर है, जो 12 वर्षों से हर साल 500 करोड़ और उससे अधिक की राशि बैंक में जमा कर रहा है. बचा दें, मंदिर में हर साल लगभग एक टन सोना दान में चढ़ाया जाता है.