दिल्ली ब्लास्ट में यूज किए कार को लेकर बड़ा खुलासा, खरीद-फरोख्त का पूरा नेटवर्क हुआ बेनकाब

दिल्ली में सोमवार शाम लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत के बाद अब जांच एजेंसियों को एक नया सीसीटीवी वीडियो मिला है, जिससे इस पूरी साजिश का कनेक्शन और गहरा हो गया है.

दिल्ली में सोमवार शाम लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत के बाद अब जांच एजेंसियों को एक नया सीसीटीवी वीडियो मिला है, जिससे इस पूरी साजिश का कनेक्शन और गहरा हो गया है.

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Ravi Prashant
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दिल्ली कार ब्लास्ट Photograph: (SM)

दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए कार ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत के बाद अब जांच एजेंसियों को एक नया CCTV वीडियो मिला है, जिसने इस पूरी साजिश की कड़ी और गहरी कर दी है. वीडियो में वही सफेद Hyundai i20 कार (HR 26CE 7674) दिख रही है, जो धमाके में इस्तेमाल हुई थी.

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जब कार बदली थी मालिक

यह फुटेज 29 अक्टूबर शाम 4:20 बजे का है. उसी दिन जब यह कार डॉ. उमर मोहम्मद, यानी संदिग्ध सुसाइड बॉम्बर, को बेची गई थी. वीडियो में कार PUC (Pollution Under Control) बूथ के पास खड़ी दिखती है. एक शख्स शर्ट पहने हुए वहां के कर्मचारियों से बात करता नजर आता है. कुछ देर बाद दो और युवक आते हैं. एक ग्रे टी-शर्ट में और दूसरा सफेद टी-शर्ट व बैग के साथ. इन दोनों में से एक की पहचान तारीक मलिक के रूप में की जा रही है, जो कार डीलिंग की डील में मौजूद था.तीनों कुछ मिनट बात करने के बाद कार में बैठकर वहां से निकल जाते हैं.

धमाके वाले दिन क्या हुआ था?

एक और वीडियो में कार को सोमवार दोपहर 3:19 बजे रेड फोर्ट के पास पार्किंग में प्रवेश करते देखा गया. कार में बैठे व्यक्ति का हाथ खिड़की पर नजर आता है. दूसरी तस्वीर में वही व्यक्ति नीले और काले रंग की टी-शर्ट पहने दिखाई देता है. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, जब तक कार पार्किंग में थी, ड्राइवर यानी उमर मोहम्मद ने एक बार भी कार से बाहर कदम नहीं रखा. संभावना है कि वह किसी के आने का इंतज़ार कर रहा था या फिर उसे रिमोट निर्देश का इंतजार था.

कार का ट्रेल सात बार बदला मालिक

जांच में पता चला है कि i20 कार का असली मालिक मोहम्मद सलमान था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसने मार्च में यह कार देवेन्दर नाम के व्यक्ति को बेची थी. देवेन्दर ने इसे आमिर राशिद को दिया, जिसने आगे जाकर उमर मोहम्मद को सौंप दी. इस पूरी डील में तारीक मलिक अहम भूमिका में था. सूत्रों के अनुसार, यह कार कुल सात बार खरीदी-बेची गई थी यानी साजिश के पीछे एक जटिल नेटवर्क काम कर रहा था.

6:52 पर दहल गई दिल्ली

सोमवार शाम 6 बजकर 52 मिनट पर यह कार लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाके के साथ फट गई. धमाका इतना भयानक था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं और मौके पर कई शव बिखरे पड़े थे. चंद मिनटों में पूरा इलाका पुलिस, एनएसजी और दमकल की गाड़ियों से भर गया. घायलों को तुरंत एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

बरामद 2,900 किलो विस्फोटक से जुड़ा है धागा

घटना वाले दिन ही दिल्ली से लगभग 50 किलोमीटर दूर हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस ने 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किया था. सूत्रों के मुताबिक, जब जांच एजेंसियों ने डॉ. मुझम्मिल शकील और डॉ. आदिल राठर को गिरफ्तार कर उस विस्फोटक को जब्त किया, तब उमर मोहम्मद घबरा गया और सबूत मिटाने के लिए रेड फोर्ट के पास कार को मैन्युअली ब्लास्ट कर दिया.

कार में डेटोनेटर भी लगाया हुआ था

धमाके में वही अमोनियम नाइट्रेट इस्तेमाल हुआ था, जो फरीदाबाद से मिला था. सूत्रों के अनुसार, उमर मोहम्मद ने यह हमला अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर प्लान किया था और कार में एक डेटोनेटर भी लगाया गया था.

जांच अब जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल और महिला विंग से जोड़कर देखी जा रही है.एजेंसियां मान रही हैं कि यह धमाका किसी बड़ी आतंकी रणनीति का हिस्सा था, जिसका मकसद “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत में डर और अस्थिरता फैलाना था.

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