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Delhi Crackers News: दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं. घरों में सजावट के साथ-साथ इस त्योहार लोग रोशनी और आतीशबाजी के जरिए सेलिब्रेट करते हैं. हालांकि बीते कुछ वर्षों दिल्ली और आस-पास के इलाकों में पटाखे जलाने को लेकर सख्त पाबंदियां लागू की गई थीं. वहीं इस बार दिवाली से पहले देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश जारी किया है. इसके तहत अब दिल्ली में पटाखे जलाने की अनुमति दे दी गई है. हालांकि ये सिर्फ ग्रीन पटाखे ही जलाने को लेकर मंजूरी दी गई है.
इस बार दिल्ली-एनसीआर में पटाखों को लेकर सख्त नियम लागू किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्णय लिया है. इस दिवाली केवल NEERI प्रमाणित ग्रीन पटाखों के उपयोग की ही अनुमति दी जाएगी.
सुबह 6 से 7 और रात 8 से 10 बजे तक ही जला सकेंगे पटखे
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक यानी दिवाली के दो दिन पहले और दिवाली के दिन, केवल सीमित समय में ही ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. सुबह 6 बजे से 7 बजे और रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति होगी.
यह फैसला अर्जुन गोपाल याचिका के तहत लिया गया है, जिसमें पटाखों से होने वाले प्रदूषण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई गई थी. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच में न्याय मित्र द्वारा दी गई सिफारिशों और पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यह दिशा-निर्देश तय किए गए हैं.
क्या हैं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश?
- केवल NEERI द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति होगी.
- इन पटाखों पर QR कोड अनिवार्य होगा, जिससे उनकी प्रमाणिकता की जांच की जा सकेगी.
- गैर-प्रमाणित पटाखों के इस्तेमाल या बिक्री पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- स्थानीय पुलिस और प्रशासन को विशेष गश्ती दल गठित करने के निर्देश दिए गए हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि नियमों का पालन हो रहा है.
- उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी किए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
उद्योग और जनता के अधिकारों में संतुलन जरूरी
कोर्ट ने कहा कि यह कदम आम नागरिकों के स्वास्थ्य अधिकार और उद्योग के व्यावसायिक हितों के बीच संतुलन बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है. 2024 में दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इस वर्ष केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंध में ढील देने का अनुरोध किया था, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार किया गया.
एनसीआर के अन्य राज्यों पर भी असर
हरियाणा के 22 में से 14 जिले एनसीआर में आते हैं और उत्तर प्रदेश व राजस्थान ने भी इसी तरह की याचिकाएं दायर की थीं. कोर्ट का यह आदेश इन सभी क्षेत्रों में लागू होगा. संदेश साफ है. यह दिवाली मनाएं सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से.
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