Pahalgam Terror Attack: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को 6 दिन हो गए हैं. जांच एजेंसियां इस हमले के हर पहलू की जांच कर रही हैं. इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने पाकिस्तान में मौजूद अपने हैंडलर्स से संपर्क साधने के लिए प्रतिबंधित चीनी मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल किया था. ये ऐप्स अत्याधिक एन्क्रिप्टेड हैं, जिन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल होता है. बता दें कि इन ऐप्स पर भारत सरकार ने 2020 में गलवान संघर्ष के बाद प्रतिबंध लगा दिया था. सूत्रों ने यह भी बताया कि हमले के दिन पहलगाम क्षेत्र में एक चीनी सैटेलाइट फोन की गतिविधि भी दर्ज की गई थी. इन दोनों पहलुओं को अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) गहनता से जांच रही है, जिसे इस हमले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
आखिर कैसे काम करते हैं ये हाई-टेक डिवाइस
आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे डिवाइस मिलिट्री ग्रेड सुरक्षा वाले हैं. इनमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, क्वांटम-रेजिस्टेंट एल्गोरिदम और स्टेगनोग्राफी जैसी तकनीकों का प्रयोग होता है. डेटा को बर्स्ट ट्रांसमिशन और फ्रीक्वेंसी होपिंग जैसी तरकीबों से सेकंडों में भेजा जाता है ताकि किसी एजेंसी की ओर से पकड़ा न जा सके. वहीं, सैटेलाइट फोन थुराया या इरिडियम जैसे नेटवर्क से लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बायपास करते हैं.
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पाकिस्तान के लिए खड़ा हुआ चीन
हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन ने पाकिस्तान के पक्ष में अपना समर्थन जताया है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार से फोन पर बातचीत की. चीन ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए भारत पर एकतरफा और अवैध कार्रवाई का आरोप खारिज किया.
दोनों देशों ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने तथा एकतरफावाद और वर्चस्ववादी नीतियों का विरोध करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है. साथ ही, हर स्तर पर संवाद और सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई गई.
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