असम में मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया है. इस दौरान 10 माह का बच्चा वायरस से संक्रमित पाया गया है. अधिकारियों के अनुसार, शिशु का डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में इलाज जारी है. उसकी हालत "स्थिर" बताई जा रही है. सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ ध्रुबज्योति भुइयां ने कहा कि बच्चे को चार दिन पहले ठंड से संबंधित लक्षणों के साथ एएमसीएच में भर्ती कराया गया. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू से संबंधित मामलों में जांच के लिए नमूने नियमित अभ्यास के रूप में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद या आईएमसीआर को भेजे जाते हैं.
वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि यह एक नियमित परीक्षण था. इस दौरान एचएमपीवी संक्रमण का पता चला. बच्चा अब स्थिर बताया जा रहा है. यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है.
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इस बीच, आईसीएमआर- क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, एनई, लाहोवाल (डिब्रूगढ़) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ बिस्वजीत बोरकाकोटी का कहना है कि 2014 से, हमने डिब्रूगढ़ जिले में 110 एचएमपीवी मामलों का पता लगा था. इस सीजन में ऐसा पहला मामला है. हर साल इसका पता चलता है और इसमें कुछ भी नया नहीं है. हमें एएमसीएच से नमूना मिला है और इसे सकारात्मक बताया गया है.
सांस से संबंधित वायरस
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक सांस से संबंधित वायरस है. ये आमतौर पर हल्की सर्दी जैसे लक्षणों के संकेत देता है. अध्ययनों से पता चलता है कि यह 1970 के दशक से मानव आबादी में प्रसारित हो रहा है. हालांकि इसकी पहचान पहली बार 2001 में वैज्ञानिकों ने की थी. वैश्विक स्तर पर तीव्र श्वसन संक्रमण के 4-16 प्रतिशम मामलों में यह वायरस जिम्मेदार है.
आमतौर पर नवंबर और मई के बीच मामले चरम पर होते हैं. वहीं अधिकांश वयस्कों ने बीते संपर्क के माध्यम से प्रतिरक्षा विकसित की है. एचएमपीवी पहली बार इसका सामना करने वाले शिशुओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है.