Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर से चुनौतीपूर्ण स्थिति में ला खड़ा किया है। इस हमले के बाद एक नया और बेहद चिंताजनक ट्रेंड सामने आया है- आतंकी अब भारतीय सेना जैसी वर्दी पहनकर हमलों को अंजाम दे रहे हैं। इससे न केवल आम नागरिकों, बल्कि सुरक्षाबलों के लिए भी खतरे की पहचान करना कठिन हो गया है।
पहलगाम अटैक में दिखा ट्रेंड
जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले को 26/11 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। इस हमले में आतंकवादी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' से जुड़े आतंकी इंडियन आर्मी जैसी वर्दी पहनकर आए थे और बैसरन घाटी में मौजूद पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।
इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। हमलावरों का यह छलावा न केवल सेना के प्रति जनता के विश्वास को चुनौती देता है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की पहचान और नियंत्रण को और मुश्किल बना देता है।
ऑपरेशन सिंदूर से भारत का आक्रामक जवाब
हालांकि पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत मिसाइल हमले किए। यह कार्रवाई 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद की सबसे आक्रामक सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड और हथियार डिपो को निशाना बनाया।
त्राल एनकाउंटर और वर्दी की गुत्थी
पहलगाम हमले के बाद चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशनों के दौरान त्राल में हुए एक मुठभेड़ में तीन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मारे गए। उनकी पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यवार अहमद भट के रूप में हुई। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि ये तीनों आतंकियों के पास जो कपड़े मिले और सेना से मिलते जुलते ही थे। उनके पास से बरामद जैकेट, बेल्ट और संचार उपकरणों की बारीकी से जांच की जा रही है।
नगोटरा में सतर्क संतरी ने टाली बड़ी घटना
जब भारत ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर हमला कर रहा था, उसी समय 10 मई को जम्मू के नगोटरा मिलिट्री स्टेशन पर एक संदिग्ध ने सैन्य वर्दी पहनकर घुसपैठ की कोशिश की। लेकिन सतर्क संतरी ने त्वरित कार्रवाई कर उसे रोक दिया और संभावित बड़ी घटना टल गई। इस दौरान संतरी को मामूली चोटें आईं, और संदिग्ध की तलाश के लिए तलाशी अभियान चलाया गया।
क्यों वर्दी में आतंकी हैं गंभीर खतरा?
आतंकियों का भारतीय सुरक्षा बलों की वर्दी पहनकर हमले करना, ‘फ्रेंड और फ्रॉड’ की पहचान को बेहद जटिल बना देता है। यह विशेष रूप से उन परिस्थितियों में खतरनाक है जहां तेजी से प्रतिक्रिया देनी होती है। इससे न केवल सुरक्षाबलों की कार्रवाई में भ्रम उत्पन्न हो सकता है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस नए खतरे के मद्देनज़र वर्दी के नियंत्रण और सिविलियन पहचान जैसे पहलुओं पर गहराई से काम कर रही हैं।
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