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इंडिया-अमेरिका टैरिफ टेंशन Photograph: (NN)
अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50% का टैरिफ लगा दिया है. बुधवार सुबह 9:31 बजे (भारतीय समय) से ये नियम लागू हो गया है. यानी अब भारत से अमेरिका जाने वाले लगभग दो-तिहाई सामान पर भारी टैक्स लगेगा.
ये कदम अमेरिका ने क्यों उठाया?
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के रूस से तेल और हथियार खरीदने से नाराज हैं. इसी वजह से अमेरिका ने ये कड़ा फैसला लिया. अमेरिका ने भारत को बार-बार चेतावनी दी है कि वह रूस से तेल न खरीदे, लेकिन भारत ने अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए रूस के साथ व्यापार जारी रखने का निर्णय लिया. सरकारी अनुमान है कि करीब 48 अरब डॉलर (लगभग 4 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार इस फैसले से प्रभावित होगा. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो हजारों लोगों की नौकरियां दांव पर लग सकती हैं.
ऐसे में समझते हैं कि सबसे ज्यादा मार किन सेक्टरों पर पड़ सकता है.
- झींगा: अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है. 2.4 अरब डॉलर का निर्यात होता है. अब महंगा होने से वियतनाम और चीन को फायदा मिल सकता है.
- जेम्स और ज्वेलरी: 10 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट अमेरिका जाता है. टैक्स सीधे 2% से बढ़कर 52% हो गया है. इसका असर सीधे सूरत, मुंबई और जयपुर के लाखों मजदूरों पर पड़ेगा.
- कपड़ा और गारमेंट्स: 10.8 अरब डॉलर का कारोबार दांव पर है. टैरिफ 14% से बढ़कर 64% कर दिया गया है. तिरुपुर, नोएडा, गुरुग्राम और लुधियाना जैसे शहर सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
- कालीन (Carpets): 1.2 अरब डॉलर का निर्यात होता है. अब 53% टैक्स लगेगा, जिसके बाद भदोही, मिर्ज़ापुर और श्रीनगर के कारीगरों पर संकट छा जाएगा.
- हैंडिक्राफ्ट्स: 1.6 अरब डॉलर का व्यापार प्रभावित होगा. राजस्थान और यूपी के छोटे शहरों में कारखाने बंद होने का डर है.
- लेदर और फुटवियर: 1.2 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है. वियतनाम और इंडोनेशिया यहां बाजार छीन सकते हैं.
- खेती और फूड प्रोडक्ट्स: चावल, चाय, मसाले और प्रोसेस्ड फूड-कुल 6 अरब डॉलर का व्यापार है. पाकिस्तान और थाईलैंड को फायदा हो सकता है.
किन्हें छूट मिली है?
करीब 30% सामान (27.6 अरब डॉलर) अब भी टैक्स-फ्री जाएगा.
- दवाइयां और APIs – भारत की सबसे बड़ी ताकत
- इलेक्ट्रॉनिक्स – मोबाइल फोन, चिप्स, कंप्यूटर पार्ट्स
- तेल और ईंधन उत्पाद – पेट्रोल, एटीएफ
- कुछ मेटल्स और मिनरल्स – सोना, प्लैटिनम, निकल
असर क्या होगा?
भारत के एक्सपोर्टर्स का कहना है कि इतने भारी टैक्स के बाद अमेरिका को सामान बेचना मुश्किल हो जाएगा. इसकी सीधी चोट छोटे कारोबारियों और मजदूरों की रोजी-रोटी पर पड़ेगी. वहीं, अमेरिका की मार्केट में भारत की जगह चीन, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे देश ले सकते हैं.
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