40 प्रतिशत कश्मीरियों का सेंटर है अल-फलाह यूनिवर्सिटी, यहां इन विषयों पर होती है पढ़ाई

दिल्ली-हरियाणा सीमा से करीब 27 किलोमीटर दूर फरीदाबाद के धौज में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी इस समय देशभर में चर्चा में है, क्योंकि वहां से तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है.

दिल्ली-हरियाणा सीमा से करीब 27 किलोमीटर दूर फरीदाबाद के धौज में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी इस समय देशभर में चर्चा में है, क्योंकि वहां से तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है.

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Ravi Prashant
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी Photograph: (ANI)

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से करीब 27 किलोमीटर दूर फरीदाबाद के धौज में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है वजह रेड फोर्ट के पास हुए ब्लास्ट में नौ लोगों की मौत और इसके बाद यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों के नाम आतंक मॉड्यूल में सामने आना. 

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अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच एजेंसियों के केंद्र में

जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉ. मुज़म्मिल शकील, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. उमर मोहम्मद तीनों अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे हैं और इन पर जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध एक आतंकी मॉड्यूल चलाने का आरोप है. माना जा रहा है कि यह मॉड्यूल दिल्ली में बड़े हमले की साजिश रच रहा था. इसी कड़ी में फरीदाबाद में करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री और बड़ी मात्रा में असॉल्ट राइफलें बरामद हुईं. पुलिस और एटीएस की टीमें पिछले कुछ दिनों से लगातार यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंच रही हैं और अब तक करीब 52 डॉक्टरों से पूछताछ की जा चुकी है. हालांकि यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

वाइस चांसलर ने क्या कहा? 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) भूपिंदर कौर आनंद ने बयान जारी कर कहा कि संस्था इन घटनाओं से बेहद दुखी और व्यथित है और दोषियों को सजा मिलने की उम्मीद करती है. प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि जिन डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं, उनका यूनिवर्सिटी से केवल पेशेवर संबंध था.

यहां 40 परसेंट आते हैं कश्मीरी

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी और यह 70 एकड़ में फैली है. यहां मेडिकल साइंस, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, एजुकेशन और ह्यूमैनिटीज जैसे कोर्स चलते हैं. यूनिवर्सिटी का मेडिकल कॉलेज अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर 2019 से एमबीबीएस डिग्री प्रदान करता है, जिसमें 200 सीटें हैं और पांच साल की फीस करीब ₹74.5 लाख है. यहां करीब 40 प्रतिशत छात्र कश्मीर से आते हैं.

दिल्ली के इन इलाकों में करना था धमाका? 

फिलहाल एजेंसियां विस्फोटक बरामदगी और रेड फोर्ट ब्लास्ट दोनों मामलों को जोड़कर जांच कर रही हैं. शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह एक संगठित नेटवर्क था, जिसका मकसद दिल्ली के प्रमुख स्थलों रेड फोर्ट, इंडिया गेट और कॉन्स्टिट्यूशन क्लब को निशाना बनाना था. 

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