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बांग्लादेश में फंसे कई मेडिकल स्टूडेंट Photograph: (Social Media)
Bangladesh Violence: बांग्लादेश एक बार फिर से हिंसा की आग में जल रहा है. छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से ढाका समेत कई शहरों में हिंसा का दौर जारी है. जिससे पूरे बांग्लादेश में खौफ और अराजकता का माहौल बना हुआ है. इस हिंसा में कई भारतीय छात्र भी फंस गए हैं जो बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं. ऐसे में छात्रों ने पीएम मोदी सो पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है. ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AIMSA) ने बांग्लादेश में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा के लिए पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें छात्रों की मदद की अपील की गई है.
AIMSA ने लिखा पीएम मोदी को पत्र
AIMSA के उपाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद मोमिन खान की ओर से भारत सरकार को लिए गए इस पत्र में कहा गया है कि, बांग्लादेश में रह रहे भारतीय मेडिकल छात्र बेहद असुरक्षित हैं और उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. एआईएमएसए ने बांग्लादेश के वर्तमान हालातों को देखते हुए भारत सरकार से तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की है. AIMSA ने कहा है कि बांग्लादेश में फंसे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक पहल और ठोस सुरक्षात्मक कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है, जिससे छात्रों और उनके परिजनों का भरोसा बना रहे.
बांग्लादेश में फंसे छात्रों की मदद की अपील
इस पत्र में AIMSA ने कहा है कि संगठन को लगातार बांग्लादेश में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों और उनके परिजनों से गंभीर और परेशान करने वाली जानकारियां मिल रही हैं. बांग्लादेश में फंसे छात्रों का कहना है कि इनदिनों देश के हालात अस्थिर हैं और वे लगातार डर, तनाव और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं. ऐसे हालातों में न सिर्फ छात्रों, बल्कि भारत में रह रहे उनके परिजन भी गहरे मानसिक तनाव में हैं.
ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री मोदी से इस पत्र के माध्यम से कहा है कि भारतीय छात्र जब विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं, तो उन्हें भारत सरकार पर पूरा भरोसा होता है. इसके साथ ही उन्हें इस बात की भी यकीन होता है कि किसी भी संकट की घड़ी में देश उनके साथ मजबूती से खड़ा रहेगा. एआईएमएसए ने पीएम कार्यालय और विदेश मंत्री के अलावा संबंधित भारतीय दूतावास के साथ समन्वय कर भारतीय छात्रों के हित में तीन प्रमुख कदम उठाने की अपील की है.
एआईएमएसए ने की तत्काल ठोस कार्रवाई की मांग
जिसमें पहला ये कि बांग्लादेश में फंसे सभी भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए तुरंत ठोस कार्रवाई की जाए. वहीं दूसरा ये कि भारतीय दूतावास और अन्य संबंधित मिशनों के जरिए जमीनी स्तर पर मदद और सहायता को बढ़ाया जाए. जबकि तीसरी मांग छात्रों और उनके परिवारों के साथ समय-समय पर स्पष्ट और पारदर्शी संवाद की अपील की गई है. जिससे छात्रों और उनके परिवारों में अफवाहों और भय का माहौल ना बने.
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