Delhi VHP Protest: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू की मौत पर VHP का प्रदर्शन, दिल्ली स्थित बांग्लादेश कमीशन के सामने तोड़े बैरिकेड्स

Delhi VHP Protest: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू दास की हत्या से गुस्साए VHP ने राजधानी में प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में वीएचपी कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और बैरिकेड्स भी तोड़ डाले.

Delhi VHP Protest: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू दास की हत्या से गुस्साए VHP ने राजधानी में प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में वीएचपी कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और बैरिकेड्स भी तोड़ डाले.

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Dheeraj Sharma
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Delhi VHP Protest: बांग्लादेशी हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इसके विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली स्थिति बांग्लादेश उच्चायोग के सामने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शकारियों ने बैरिकेड्स भी तोड़ दिए. सुबह 11 बजे से ही बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर बड़ी संख्या में वीएचपी कार्यकर्ता और समर्थक जुटने लगे. इसके सात दीपू के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही इन प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में फंसे भारतीय लोगों, खास तौर पर मेडिकल छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. 

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साधु-संत समेत बड़ी संख्या में जुटे लोग

बांग्लादेशी हाई कमीशन के सामने प्रदर्शन के लिए वीएचपी के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग और साधु-संत जुटे हैं. दिल्ली के अलावा जम्मू, हैदराबाद और फिरोजाबाद में भी प्रदर्शन किया जा रहा है. 

बांग्लादेश में बढ़ा दबाव

उधर बांग्लादेश में दीपू की हत्या मामले में लगातार दबाव बढ़ रहा है. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया है. यह कदम बांग्लादेशी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़के भारत-विरोधी प्रदर्शनों और मयमनसिंह में हुए दीपू की मॉब लिंचिंग की पृष्ठभूमि में उठाया गया है. इन घटनाओं के चलते दोनों पड़ोसी देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में खटास साफ नजर आ रही है.

20 दिसंबर को भी हुआ था बांग्लादेश हाई-कमीशन के बाहर प्रदर्शन

दीपू की हत्या के विरोध में 20 दिसंबर की रात दिल्ली में बांग्लादेश हाई-कमीशन के सामने एक छोटा सा प्रदर्शन हुआ. भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण था और इसमें केवल 20-25 लोग शामिल थे. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, इस प्रदर्शन से किसी भी तरह की सुरक्षा चिंता पैदा नहीं हुई.

ढाका में भी उठा न्याय का मुद्दा

22 दिसंबर 2025 को ढाका के नेशनल प्रेस क्लब के सामने हिंदू संगठनों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों ने दीपू के लिए न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दीपू पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया, जिसके बाद भीड़ ने कानून हाथ में ले लिया. उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई.

अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा का आरोप

प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस वर्ष जनवरी से अब तक बांग्लादेश में 50 से अधिक गैर-मुस्लिमों की हत्या हो चुकी है. साथ ही, कई लोगों पर झूठे ईशनिंदा के मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे समुदायों में भय का माहौल बन रहा है.

फैक्ट्री विवाद से शुरू हुई त्रासदी

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय दीपूचंद्र दास एक गारमेंट फैक्ट्री में फ्लोर मैनेजर थे. प्रमोशन परीक्षा के बाद फैक्ट्री में काम से जुड़े पुराने विवादों ने धार्मिक आरोप का रूप ले लिया. परिजनों का कहना है कि यह घटना कार्यस्थल के तनाव का नतीजा थी, जिसे गलत तरीके से धार्मिक रंग दिया गया. 

इन सभी घटनाओं ने न केवल बांग्लादेश के आंतरिक हालात पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि भारत-बांग्लादेश संबंधों को भी एक कठिन दौर में पहुंचा दिया है.

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