HMPV Cases in India: सोशल मीडिया पर एक बार फिर नए वायरस को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. ऐसा कहा जा रहा है कि चीन में ऐसे वायरस से संक्रमित होकर लोगों को अस्पताल में जगह नहीं मिल पा रही है. इस नए वायरस का नाम HMPV है. इसका फुल फॉर्म ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है. इस वायरस की वजह से चीन में हड़कंप मचा है. वहीं भारत में नए दो मामले मिलने के बाद यहां पर चिंता बढ़ चुकी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सांसों के जुड़े रूटीन चेकअप के वक्त कर्नाटक में एचएमपीवी के मामले देखे. इस तरह से अब इस वायरस को लेकर दहशत का माहौल है. भारत में इस वायरस को लेकर कितनी तैयारी है और हालात अगर बिगड़ते हैं तो किस तरह से सरकार उबर सकती हैं. आइए जानने का प्रयास करते हैं.
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इस मामले को गंभीरता से लेना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में क्या स्थिति है, इसके बारे में अभी भी सही जानकारी सामने नहीं आई है. डॉक्टरों का कहना है कि पहली बात यह वायरस नया नहीं है. 2001 में ही इस वायरस की पहचान हुई है. हालांकि इस वायरस की मौजूदगी इससे पहले की भी है. इस वायरस से सांस संबंधी समस्या सामने आती है. वायरस से लंग्स को नुकसान पहुंचाता है. सांसों से जुड़े हजारों वायरस इस संसार में मौजूद हैं. इनमें से अधिकतर वायरस जब शरीर में प्रवेश करते हैं तो इनका जीवन अपने आप खत्म हो जाता है. इसकी वजह है हमारी इम्यूनिटी खत्म हो सकती है.
हालांकि इसके बाद भी वायरस हमें नुकसान पहुंचा सकता हैं. इसमें मामूली सर्दी-जुकाम के लक्षण सामने आते हैं. इन सारे वायरस में फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं. एचएमपीवी अधिकतर बच्चों और बुजुर्गों को टारर्गेट करता है. अक्सर यह अपने आप ठीक हो जाता है. कुछ मामलों में केस बिगड़ जाता है. इस तरह की वायरल बीमारियों के लिए को दवा मौजूद नहीं है. हालांकि यह कहा नहीं जा सकता है कि संक्रमण के कारण कोरोना जैसे हालात संभव है या नहीं.
अगर कोरोना जैसे हालात हो जाएं तो क्या
ऐसा कहा जा रहा है कि एचएमपीपी वायरस कोरोना वायरस जैसे हालात पैदा कर सकता है. मगर विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद से देश इस तरह के हालात से निपटने में सक्षम है. हमारे पास अस्पतालों की व्यवस्था है. ऐसे में इस हालात से हम तेजी से रिकवर कर सकते हैं. इससे संक्रमित होने के बाद वेंटिलेटर की आवश्यकता ज्यादा नहीं होती है. कुछ ही मामलों में वेंटिलेटर की जरूरत होती है.