"उंगली उठाकर बात करने की कोशिश की...मैंने तुंरत कहा- नीचे करें", तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और EC के बीच बहस

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अब ईवीएम नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम के जरिए वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अब ईवीएम नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम के जरिए वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

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Ravi Prashant
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टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी Photograph: (ANI)

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव Abhishek Banerjee ने चुनाव आयोग के साथ करीब ढाई घंटे चली बैठक के बाद केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि देश में अब चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम के बजाय सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम के जरिए वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

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सवालों पर नहीं मिला ठोस जवाब

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि टीएमसी के 10 सांसदों और पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने Election Commission of India के साथ विस्तृत चर्चा की, लेकिन आयोग उनके उठाए गए सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं दे सका. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले 18 नवंबर को भी आयोग से सवाल पूछे गए थे, लेकिन तब भी कोई जवाब नहीं मिला.

चयनित मीडिया को लीक करने का आरोप

टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सवालों का जवाब देने के बजाय चयनित लीक मीडिया को जानकारी दे रहा है. उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए बेहद गंभीर विषय है और इससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं.

बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक का दावा

बैठक के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि Gyanesh Kumar ने उनसे उंगली उठाकर बात करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आप मनोनीत अधिकारी हैं, जबकि हम निर्वाचित प्रतिनिधि हैं. हम किसी के दास या गुलाम नहीं हैं.

सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की चुनौती

अभिषेक बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो बैठक की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की जाए और वे मीडिया के सवालों का सामना करें. उनके अनुसार, इससे सच्चाई सामने आ जाएगी.

वोटर लिस्ट और ECI ऐप में गड़बड़ी का आरोप

टीएमसी नेता ने दावा किया कि SIR के तहत 1.36 करोड़ मामलों में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी बताई जा रही है, लेकिन आयोग ने अब तक इसकी सूची सार्वजनिक नहीं की है. उन्होंने आरोप लगाया कि ईसीआई ऐप में भी गंभीर खामियां हैं, जहां दस्तावेज जमा होने के बावजूद नोटिस जारी नहीं हो रहे और नाम सॉफ्टवेयर के जरिए हटाए जा रहे हैं, वह भी संबंधित AERO की जानकारी के बिना.

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