महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार में 100 प्रतिशत डोमिसाइल नीति लागू होगी : तेजस्वी यादव
छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ कैंप हमला मामले में एनआईए ने 17 लोगों के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र
कौन हैं सिंगर अनिरुद्ध रविचंदर? जो बन सकते हैं आईपीएल संसेशन काव्य मारन के पति, करोड़ों में है नेट वर्थ
Temba Bavuma Wife: टेम्बा बावुमा की वाइफ हैं उनसे भी ज्यादा कमाल, इस तरह करती हैं लोगों के सपने पूरे
देश के इस राज्य में 6 तरीके के नमक का चलन, स्वाद के साथ सेहत का सीधा कनेक्शन
छत्तीसगढ़ : सूरजपुर में इलाज के दौरान नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की मौत
डीएनए रिपोर्ट आने के बाद विजय रूपाणी के पार्थिव शरीर को राजकोट लाया जाएगा : राजूभाई ध्रुव
‘पंजाब को आप-दा से बचाने के लिए कांग्रेस के आशु को वोट दें’, लुधियाना में अल्का लांबा का केजरीवाल पर हमला
Bihar: कभी थे नीतीश के करीबी, अब संभालेंगे RJD के प्रदेश अध्यक्ष की कमान, जानिए कौन हैं मंगनी लाल मंडल

90 दवाइयों को क्वॉलिटी टेस्ट में किया गया फेल, कुछ को पूरी तरह से किया बैन, जानें पूरी लिस्ट

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 90 दवाइयों को क्वॉलिटी टेस्ट में फेल कर दिया है. CDSCO रैंडम सैंपलिंग करता है. इस दौरान दवाइयों की जांच में यह देखा जाता है कि दवा की गुणवत्ता तय मानकों के हिसाब से हैं या नहीं.

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 90 दवाइयों को क्वॉलिटी टेस्ट में फेल कर दिया है. CDSCO रैंडम सैंपलिंग करता है. इस दौरान दवाइयों की जांच में यह देखा जाता है कि दवा की गुणवत्ता तय मानकों के हिसाब से हैं या नहीं.

author-image
Mohit Saxena
New Update
medicine

medicine

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने एनएसक्यू सूची को सामने आई है. संगठन के अनुसार, कुल 90 दवाओं की क्वालिटी पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है. इस सूची में करीब 3 दवाएं नकली हैं. इसके साथ 56 दवाओं के सैंपल की गुणवत्ता खराब बताई  गई है. इस सूची में पैरासिटामोल और पेन-जी जैसी दवाओं को रखा गया है. नकली दवाओं की पहचान को लेकर हर माह दवाओं के सैंपलों की जांच जारी है. इस दौरान दवाओं के सैंपलों को लैब में जांचा गया. इसके साथ रिपोर्ट को जारी किया गया. 

Advertisment

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CDSCO यह तय करता है कि दवाओं की गुणवत्ता अच्छी है या नहीं. खराब दवाओं की पहचान होती है. इसके बाद खराब गुणवत्ता की दवाओं की  एक सूची को तैयार किया जाता है. एनएसक्यू की ये कार्रवाई राज्य में जो दवा नियामक होते हैं, उनके सहयोग की गई है. इसकी जांच इसलिए की जाती है ताकि यह पता    चल सके कि दवाएं गुणवत्ता के हिसाब से बनी या नहीं.  

ये भी पढ़ें: Bangladesh में नहीं थम रही हिंदुओं पर हिंसा, BJP MP कंगना का फूटा गुस्सा, यूनुस सरकार को दिया ये कड़ा संदेश

ऑर्गेनाइजेशन रैंडम सैंपलिंग किया करता है

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन रैंडम सैंपलिंग किया करता है. इस दौरान टेस्टिंग में भी कई दवाओं को फेल करार दिया. इन दवाओं की गुणवत्ता बहुत खराब बताई गई है. इस सूची में कुछ कंपनियों हैं. यह दवाएं हैं एंटीएसिड, पैनडी, पैरासिटामोल, ग्लिमपिराइड और हाई बीपी की दवा टेल्मिसर्टन है. 

CDSCO की ओर से जिन दवाओं के सैंपल को फेल किया गया है. इसमें एनीमिया की दवा आयरन  सुक्रोज, सूजन की दवा मेथासोन, उल्टी की दवा रेबेप्रोजोल और एंटीबायोटिक  की दवा एनपोपाक्सासिन के सैंपल बताए जा रहे हैं. हर महीने दवाओं के सैंपलों की जांच हो रही है. कुछ दवाओं को पूरी तरह से बैन किया गया था. दवाओं की गुणवत्ता खराब होने वाली कंपनी को इस मामले में नोटिस जारी किया गया है. दवाओं की गुणवत्ता को सही रखने का निर्देश दिया गया है.  

34 जगहों के सैंपलों को चेक किया गया 

देशभर से कुल 34 जगहों के सैंपलों को जांचा गया था. इनमें अकेले हिमाचल में तैयार 14 दवाएं मानकों पर खरी साबित हुईं. इनमें डॉक्सीन की दवा सेपकेम, दवा सेफोप्रोक्स, सीएमजी बायोटेक की बीटा हिस्टीन, एलविस फार्मा की दवा अल्सिप्रो भी मानकों पर   सही नहीं पाई गई है. 

Fake Medicine Fail medicine Newsnationlatestnews newsnation Fake medicines
      
Advertisment