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TTD (ANI)
TTD Scam: आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में फिर से एक स्कैम सामने आया है. मंदिर में प्रसाद के तौर पर दिए जाने वाले दुपट्टे (अंगवस्त्रम) की बिक्री में 54 करोड़ रुपये घोटाला हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुद्ध मुलबेरी सिल्क दुपट्टों की जगह एक कॉन्ट्रैक्टर ने लगातार 100% पॉलिएस्टर दुपट्टे सप्लाई किए. सप्लाई पॉलिस्टर दुपट्टों की हुई लेकिन बिलिंग सिल्क दुपट्टों के नाम पर हुई. पॉलिएस्टर दुपट्टे की कीमत करीब 350 रुपये थी लेकिन टीटीडी को 350 रुपये वाला वही दुपट्टा 1300 रुपये में बेचा गया.
घोटाला साल 2015 से लगातार हो रहा है. टीटीडी ने इसके लिए कॉन्ट्रैक्टर को करीब 54 करोड़ रुपये भी दिए. टीटीडी ने चेयरमैन बीआर नायडू के निर्देशों पर एक आंतरिक जांच की थी, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.
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दुपट्टों का साइंटिफिक टेस्ट दो लैब में कराया गया
टीटीडी चैयरमेन बीआर नायडू की मानें तो मंदिर में दान करने वाले बड़े दानकर्ता को प्रसाद के रूप में सिल्क दुपट्टा ओढ़ाया जाता है. साथ ही कई धार्मिक अनुष्ठानों में सिल्क दुपट्टों का इस्तेमाल होता है. उन्होंने बताया कि दुपट्टों की पुख्ता जांच के लिए सैंपलों की साइंटिफिक टेस्टिंग की गई. सैंपलों को दो-दो लैब्स में भेजा गया था. एक लैब केंद्रीय रेशम बोर्ड के तहत काम करता है. दोनों ही लैब की रिपोर्ट्स में सामने आया कि कपड़ा सिल्क नहीं बल्कि पॉलिएस्टर है. इसके अलावा, दुपट्टों पर असल सिल्क की पुष्टि करने वाला सिल्क होलोग्राम भी नहीं है. होलोग्राम लगाना अनिवार्य होता है.
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टीटीडी ने कंपनी के सभी टेंडरों को रद्द किया
मामले में नायडू ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से एक ही कंपनी और उसकी विभिन्न इकाइयां दुपट्टा सप्लाई कर रहीं हैं. जांच रिपोर्ट में सामने आया तो TTD ट्रस्ट बोर्ड ने कंपनी के सभी टेंडरों को रद्द कर दिया. पूरे मामले की विधिवत जांच के लिए केस एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंप दिया गया है.
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