World Vitiligo Day 2025: विटिलिगो एक तरफ की त्वचा से जुड़ी बीमारी है. जिसमें वो कोशिकाएं जो त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार होती हैं. वो नष्ट होने लगती है. वहीं मेलानोसाइटिस नाम की ये कोशिकाएं स्किन को कलर देने वाले मेलानिन को बनाना बंद कर देती हैं. जिसकी वजह से खास एरिया पर स्किन का रंग बदल जाता है और वो सफेद हो जाती है. इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है. आइए बताते हैं क्यों होते है शरीर में सफेद दाग और क्या है इसके लक्षण.
इन हिस्सों पर दिखता है असर
जहां सीधे धूप की रोशनी पड़ती है हाथ, पैर, चेहरे पर.
नाक के आसपास के हिस्से में
मुंह के आसपास
जेनिटल्स में
आंखों के ऊपर वाले हिस्से पर
छूने से नहीं फैलती
विटिलिगो एक तरह की ऑटो इम्यून बीमारी है. जिसमे खुद के शरीर की कोशिकाएं दूसरे को नष्ट करने लगती है. इसलिए ये बीमारी एक से दूसरे में नहीं फैलती.
क्या है इसके लक्षण
विटिलिगो होने पर शरीर के खास हिस्सों पर सफेद रंग के धब्बे दिखने लगते हैं.
साथ ही बाल समय से पहले ही सफेद हो जाते हैं. सिर के बालों के साथ ही शरीर पर उगे बालों का रंग भी सफेद हो जाता हैं.
यहां तक कि आइब्रो, पलक और चेहरे के बाल भी सफेद हो जाते हैं.
ये लक्षण नाक और होंठों के आसपास की त्वचा पर सबसे पहले दिखने लगते हैं.
बरतें ये सावधानी
विटिलिगो होने पर त्वचा का रंग सफेद हो जाता है. ऐसे में स्किन के धूप से जलने यानी सनबर्न होने का खतरा रहता है. इसलिए त्वचा को सनस्क्रीन लगाकर सुरक्षित करने की कोशिश करें. एसपीएफ 30 या इससे ज्यादा एसपीएफ की सनस्क्रीन को लगाएं और धूप से बचने वाले कपड़े पहनें.
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