World obesity day: 4 मार्च को दुनियाभर में वर्ल्ड ओबेसिटी डे मनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने भी मन की बात में इस बात का जिक्र किया था कि हमें मोटापे को गंभीरता से लेना चाहिए और इससे बचाव करने के तरीकों पर बात करनी चाहिए. हम आपको इसी बारे में एक्सपर्ट की सलाह के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में इसको लेकर क्या सच्चाई है.
मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (मैश) के मेडिकल डायरेक्टर और मिनिमल एक्सेस सर्जरी डायरेक्टर, डॉ. सचिन अंबेकर ने बताया, "मोटापा सिर्फ सौंदर्य से जुड़ी समस्या नहीं, बल्कि यह एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और यहां तक कि विभिन्न प्रकार के कैंसर का भी कारण बन सकती है. आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों, विशेष रूप से मिनिमल एक्सेस सर्जरी (MAS) के माध्यम से इस समस्या का प्रभावी समाधान संभव है. बलूनिंग, 3डी लेप्रोस्कोपिक वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी, 3डी मिनी गैस्ट्रिक बायपास और 3डी लेप्रोस्कोपिक रॉक्स एन वाय गैस्ट्रिक बायपास जैसी उन्नत वेट लॉस सर्जरी तकनीकें उपलब्ध हैं, जिससे मोटापे से राहत पाई जा सकती है. "
हर 10 में से मोटापे का शिकार
डॉक्टर सचिन ने आगे बताया कि हर दिल्ली एनसीआर में 10 में से 4 व्यक्ति बढ़े हुए वजन के शिकार हैं. शहरी क्षेत्रों में महिलाएं इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित हैं, उसके बाद पुरुषों और बच्चों का नंबर आता है. यदि किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 26 से अधिक है, तो वह अधिक वजन (ओवरवेट) की श्रेणी में आता है, जबकि BMI 29 से ऊपर होने पर व्यक्ति मोटापे (ओबेसिटी) का शिकार माना जाता है.
सोशल मीडिया का भी हो रहा प्रभाव
मोटापे की बढ़ती दर के कारणों पर चर्चा करते हुए डॉक्टर सचिन ने बताया कि सोशल मीडिया के प्रभाव, एक क्लिक में आसानी से उपलब्ध कंफर्ट फूड्स, सुपरमार्केट की मार्केटिंग रणनीतियों, वाहनों पर बढ़ती निर्भरता, स्क्रीन टाइम में वृद्धि, बैठे-बैठे किए जाने वाले काम, तनाव और नींद की कमी को प्रमुख कारण बताया.
एनएफएचएस-5 (NFHS-5) सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 80.7 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैं, लेकिन 78.5 प्रतिशत लोग अब भी खुद को सामान्य वजन वाला मानते हैं. पंजाबी बाग, रोहिणी, ग्रेटर कैलाश-2, साउथ एक्सटेंशन और डीएलएफ में यह समस्या सबसे अधिक देखी गई है.
देश में यह हैं मोटापे के आंकड़े
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में मोटापे की दर शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और चंडीगढ़ में किए गए इस अध्ययन के अनुसार, जनरल ओबेसिटी (GO) की दर तमिलनाडु में 24.6 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 16.6 प्रतिशत, झारखंड में 11.8 प्रतिशत और चंडीगढ़ में 31.3 प्रतिशत पाई गई. एब्डॉमिनल ओबेसिटी (AO) की दर तमिलनाडु में 26.6 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 18.7 प्रतिशत, झारखंड में 16.9 प्रतिशत और चंडीगढ़ में 36.1 प्रतिशत पाई गई. महिलाओं, उच्च सामाजिक-आर्थिक वर्ग और डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्तियों में मोटापे की संभावना अधिक पाई गई.
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