World Malaria Day 2025: विश्व मलेरिया डे हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. जब तक मलेरिया किसी एक को भी प्रभावित करता है, तब तक कोई भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर 25 अप्रैल को ही क्यों इस दिन को मनाया जाता है. मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो आज भी दुनियाभर में लाखों लोगों की जान लेती है. खासकर गरीब और पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को ये बीमारी ज्यादा होती है. आइए आपको बताते हैं कि यह हर साल 25 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है.
क्या है इसका इतिहास
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह बताता है कि मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को तेज करना जरूरी है ताकि हर कोई, चाहे वह कहीं भी रहता हो, सुरक्षित रह सके. ये दिन हमें याद दिलाता है कि मलेरिया केवल एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य असमानता का भी प्रतीक है.
कब हुई शुरुआत
विश्व मलेरिया दिवस को पहली बार 2008 में WHO द्वारा मनाया गया था. इससे पहले, 2001 से अफ्रीका मलेरिया दिवस मनाया जाता था. लेकिन बाद में यह महसूस किया गया कि मलेरिया एक वैश्विक समस्या है, इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी गई.
क्या है थीम
2025 में इस दिन की थीम है "Reinvest, Reimagine, Reignite", जिसका मतलब है कि हमें मलेरिया के खिलाफ अपनी रणनीति को दोबारा सोचने, नए तरीकों को अपनाने और फिर से उत्साह के साथ काम करने की जरूरत है. इसका मकसद है लोगों को जागरूक करना कि मलेरिया का अंत केवल सरकारों से नहीं, बल्कि हम सभी की भागीदारी से ही संभव है.
क्या है इसका महत्व
वर्ल्ड मलेरिया डे को मनाने का महत्व आम लोगों को मलेरिया के लक्षण, बचाव और इलाज की संपूर्ण जानकारी प्रदान करना है.
यह दिन स्वास्थ्य संगठनों और सरकारों द्वारा मलेरिया को जड़ से समाप्त करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा करना है.
यह दिन मलेरिया की रोकथाम, वैक्सीन, नई दवाओं को बनाने पर जोर देना है.
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