World Liver Day 2025: लिवर हमारी बॉडी का अहम हिस्सा होता है. यह खाना पचाता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है. खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लिवर से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. जिसके लिए हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है. जो कि लोगों को लीवर से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरुक करता है. आइए आपको बताते है कि लिवर डे की शुरुआत कब और क्यों की थी.
वर्ल्ड लिवर डे का इतिहास
वर्ल्ड लिवर डे की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठनों (WHO) और लिवर संबंधी संस्थाओं ने एक साथ मिलकर की थी, ताकि हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के बारे में लोगों को समय रहते जानकारी दी जा सके. खासतौर पर जहां खानपान की आदतें बिगड़ती जा रही हैं और शारीरिक गतिविधियां कम होने के कारण लोगों में लिवर से जुड़ी समस्याएं तेजी से फैल रही हैं. पहली बार साल 2012 में 19 अप्रैल के दिन पहली बार इस दिन को मान्यता दी गई, जिसके बाद से हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है.
वर्ल्ड डे की शुरुआत कब और किसने की
वर्ल्ड लीवर डे की शुरुआत स्वास्थ्य संगठनों द्वारा की गई थी. इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर लीवर स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना था. हालांकि इसकी सटीक शुरुआत की तारीख साफ नहीं है, लेकिन यह पिछले कुछ वर्षों से मनाया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई अन्य संस्थाएं इससे जुड़ी हैं.
वर्ल्ड लिवर डे की थीम
विश्व लिवर दिवस 2025 की थीम “Food is Medicine” रखी गई है. इस थीम को रखने का उद्देश्य अच्छा और संतुलित खाना लेने के प्रति लोगों को जागरुक करना है. लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और हेल्दी डाइट लेने से न सिर्फ बीमारियों से बचाव संभव होता है, बल्कि ये शरीर को स्वस्थ रखने और किसी बीमारी का इलाज करने या जल्दी ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है. यह थीम लोगों को यह समझाने के लिए तय की गई है कि लिवर के देखभाल के लिए न सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहना चाहिए, बल्कि सही खानपान से भी आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं.
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