World Hemophilia Day 2025: हर साल की तरह इस साल भी 17 अप्रैल 2025 यानी गुरुवार को पूरी दुनिया में वर्ल्ड हीमोफिलिया डे मनाया जा रहा है. वर्ल्ड हीमोफिलिया डे को मनाने के पीछे एक खास उद्देश्य यह है कि लोगों को हीमीफिलिया बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके. क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी है. इसका अगर सही समय पर इलाज न किया गया है तो ये जानलेवा भी बन सकती है.
अभी भी लाखों लोग इस बीमारी के बारे में नहीं जानते हैं. यह एक तरह का रक्तस्राव विकार है. हालांकि बहुत कम लोग इससे पीड़ित होते हैं. दरअसल, इस बीमारी में एक बार रक्तस्राव शुरू हो जाता है, तो यह जमता नहीं है. आइए इस लेख में जानते हैं हीमोफीलिया क्या है और किन लोगों को होती है ये बीमारी.
हीमोफीलिया क्या है?
हीमोफीलिया एक रक्त विकार है. इसमें रक्त का थक्का नहीं बनता. इसमें खतरा यह रहता है कि एक बार चोट लगने या कट जाने पर खून बहना शुरू हो जाता है और रुकता नहीं है. अगर किसी इंसान को यह बीमारी है, तो उसके शरीर में वह खास प्रोटीन नहीं है जो ब्लड के थक्के को बनाती है. रक्त का थक्का बनाने वाला प्रोटीन जो प्लेटलेट्स के साथ रक्त के थक्के बनाने में मदद करता है, शरीर में इनकी गैर मौजूदगी के कारण ब्लड बिना रूके निकलने लगता है.
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इन लोगों को होती है ज्यादा समस्या
बता दें कि लड़कियों के मुकाबले में यह समस्या लड़कों में सबसे ज़्यादा होती है. पुरुषों में सिर्फ़ एक ही X क्रोमोसोम होता है. अगर मां से बच्चे में कोई ख़राब क्रोमोसोम चला जाए तो बच्चे को यह बीमारी हो जाती है. लड़कों में एक X क्रोमोसोम और लड़कियों में दो X क्रोमोसोम होते हैं. ऐसे में उन्हें यह बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है.
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