Nose allergies: बदलते मौसम में कई लोगों को अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. दिन में धूप और रात में ठंड होने से कई लोगों को जुकाम-खांसी हो जाती है. वहीं कई लोग नाक की एलर्जी से परेशान रहते हैं. इन्हें बार-बार छींक आना और साइनस जैसी परेशानी होने लगती हैं. आमतौर पर माना जाता है कि यह एलर्जी किसी को भी हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है. कुछ लोगों को ये दिक्कत ज्यादा होती है. नाक की एलर्जी का किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है? आइए जानते हैं इसके बारे में.
नाक की एलर्जी का रिस्क किसको ज्यादा?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार हर व्यक्ति के शरीर में माइक्रोबायोम होता है. जिन लोगों में ये बिगड़ जाता है तो इससे नाक की एलर्जी होने का रिस्क ज्यादा होता है. माइक्रोबायोम और एलर्जी का संबंध यह है कि शरीर में माइक्रोबायोम का असंतुलन होने से माइक्रोबायोम में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है.
नाक की एलर्जी होने पर दिखते हैं ये लक्षण
नाक की एलर्जी होने पर लोगों को छींक आना शुरू हो जाता है. नाक बंद हो जाती है. आंखों में जलन और लालिमा होती है. नाक से पानी बहना शुरू हो जाता है. सिरदर्द और सांस संबंधी परेशानियां होने लगती हैं.
नाक की एलर्जी होने पर एंटीबायोटिक लेना चाहिए या सही
कुछ लोग नाक की हल्की एलर्जी होने पर भी एंटीबायोटिक की दवा खा लेते हैं, लेकिन ये सही है या नहीं ? एक्सपर्ट के मुताबिक इस तरह एंटीबायोटिक दवा लेना सेहत के लिए अच्छी नहीं है. ज्यादा एंटीबायोटिक खाने से शरीर में एंटीबायोटिक रजिस्टेंस हो सकता है.
नाक की एलर्जी से बचने के लिए क्या करें ?
खुद से एलर्जी की दवा न लें.
नियमित रूप से नाक की सफाई करें.
बाहर जाते समय मास्क लगाएं
एलर्जी की जांच करें और डॉक्टर की सलाह लें
माइक्रोबायोम की जांच करें और डॉक्टर की सलाह लें
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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