Vitamin-D deficiency: विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह शरीर में कैल्शियम का अवशोषण करता है और हड्डियों स्वस्थ रखता है. लेकिन मौजूदा समय में विटामिन-डी की कमी भारतीयों में एक आम समस्या बन गई है. इसकी कमी के पीछे कई कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे कुछ कारक जो विटामिन डी की कमी का कारण बन सकते हैं...
सूरज की रोशनी की कमी
सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर त्वचा में विटामिन डी बनता है. अगर आप धूप में कम समय बिताते हैं तो इससे शरीर में विटामिन डी का स्तर कम हो सकता है. ऑफिस में लंबे समय तक काम करना, घर के अंदर रहना या ठंड के मौसम में धूप न मिलना इसकी कमी के मुख्य कारण हैं.
त्वचा का रंग
गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में मेलेनिन अधिक होता है, जिससे सूर्य की रोशनी को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर देता है. इस कारण से, गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को विटामिन डी की कमी का खतरा सबसे अधिक होता है.
डाइट में विटामिन-डी की कमी
विटामिन डी में मौजूद तत्वों का सेवन न करने से भी इसकी कमी हो सकती है. विटामिन डी मछली, अंडे की जर्दी, दूध और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. अगर आप इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है.
मोटापा
मोटापा विटामिन डी की कमी का एक प्रमुख कारण है. अधिक वजन वाले लोगों में, विटामिन डी वसा ऊतकों में फंस जाता है और रक्त में ठीक से अवशोषित नहीं हो पाता है. इससे शरीर में इसकी कमी हो जाती है.
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बढ़ती उम्र का प्रभाव
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा की विटामिन डी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है. इसके अलावा, बुजुर्ग लोगों में किडनी की कार्यक्षमता कम होने के कारण विटामिन डी अपने सक्रिय रूप में परिवर्तित नहीं हो पाता है. इसलिए बुजुर्गों में विटामिन डी की कमी आम बात है.
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