आंसू की हर बूंद है अनमोल, आंख की रक्षा के साथ-साथ इन चीजों में भी है मददगार

ऐसा कोई नहीं होगा जिसकी आंख से कभी भी आंसू ना गिरा हो. कभी दर्द में तो कभी खुशी में आंख से आंसू गिरे ही होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके आंसू में आपकी सेहत का राज छिपा हुआ है.

ऐसा कोई नहीं होगा जिसकी आंख से कभी भी आंसू ना गिरा हो. कभी दर्द में तो कभी खुशी में आंख से आंसू गिरे ही होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके आंसू में आपकी सेहत का राज छिपा हुआ है.

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Nidhi Sharma
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Tears

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हमारी आंख से गिरने वाले आंसू सिर्फ हमारी भावनाओं को नहीं दिखाते हैं, बल्कि यह दिखाते हैं इसके पीछे छिपे हुए वैज्ञानिक और मेडिकल महत्व. वहीं लैब टेस्ट की मानें तो आंसुओं में कई ऐसे एंजाइम्स, प्रोटीन और बायो-केमिकल्स होते हैं. जो कि हमारे शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. यह आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. वहीं हाल ही में रिसर्च में सामने आया है कि अब आप अपनी आंख के आंसू से लंबी उम्र भी जी सकते हैं और इससे आपकी शादीशुदा जिंदगी भी खुशहाल रहेगी. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं. 

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आंसू तीन प्रकार के होते हैं- 

बेसल टियर्स 

ये आंसू आंखों में बनते रहते हैं और वहीं ये आंखों की नमी, पोषण और आंखों को सुरक्षा भी देते हैं. 

रिफ्लेक्स टियर्स 

ये आंसू आंखों से तब निकलते हैं जब आंखों में किसी चीज का धुआं, प्याज काटते वक्त या फिर किसी जलन के कारण ये आंसू बाहर आते हैं. यह आंसू आपके शरीर के रक्षा प्रणाली के बारे में बताते हैं.

इमोशनल टियर्स 

इस आंसू के बारे में तो सभी जानते ही होंगे. ये आंसू दुख, गुस्सा, खुशी या फिर स्ट्रेस के कारण निकलते हैं. बता दें कि इसी आंसू को लेकर रिसर्च शुरू की गई है. इस रिसर्च में यह देखा जा रहा है कि इस आंसू से आपके शरीर की किन बीमारियों का इलाज हो सकता है. 

क्या होता है इन आंसू में 

आंसुओं में एंजाइम होता है जो कि बैक्टीरिया को खत्म करता है. इसका इस्तेमाल एंटीबैक्टीरियल प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है. वहीं इन आंसुओं में दूसरा लैक्रीमल ग्लैंड्स से निकलने वाले प्रोटीन होते हैं जो कि आंखों में नमी बना कर रखते हैं. वहीं तीसरा हार्मोनल बायोकेमिकल्स होते हैं जो कि स्ट्रेस के टाइम निकलते हैं. इसी वजह से कहा जाता है कि इमोशनल रोने से स्ट्रेस कम होता है. वहीं चौथा एनकैफेलिन्स होता है जो कि नेचुरल पेनकिलर जैसा काम करता है. इससे शरीर के दर्द कम होते हैं.

क्या कहती है रिसर्च

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) और American Psychological Association (APA) की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमोशन आंसू में ऐसे हार्मोन बाहर निकलते हैं जो कि स्ट्रेस के दौरान शरीर में जमा हो जाते हैं. जिसकी वजह से रोने से शरीर डिटॉक्स होता है और आपको हल्का महसूस होता है. रोने के बाद शरीर में ऑक्सिटोसिन और एंडॉर्फिन बढ़ जाते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं. बता दें कि अभी तक आंसू का मेडिकल इस्तेमाल नहीं हुआ है. हालांकि लाइसोजाइम को आंसू या लार से आइसोलेट करके स्किन क्रीम, आई ड्रॉप्स या सैनिटाइज़र में मिलाया जा सकता है. इसका मतलब है कि आंसू ना सिर्फ आंखों की रक्षा करते हैं बल्कि यह स्ट्रेस कम और बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद करते हैं.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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