हाल ही में एक सर्वे किया गया है. जिसमें बताया कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 20% लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. दरअसल, प्राइवेट जॉब करने वाले 70% से ज्यादा लोग लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में हैं. इसमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा और स्ट्रेस जैसी बीमारियां शामिल हैं. जिसकी वजह से नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी काफी ज्यादा प्रभावित हो रही है.
सर्व में हुआ खुलासा
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों पर एक सर्वे किया गया है. इसमें सामने आया कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 20% लोग डायबिटीज में पीडित हैं. वहीं 14 पर्सेंट लोग हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत से जूझ रहे हैं. 6.3 कर्मचारी मोटापे के शिकार हैं तो 3.2% लोगों में हार्ट से जुड़ी दिक्कतें देखी गईं. इसके अलावा 1.9 पर्सेंट लोगों में किडनी की बीमारी मिली. वहीं 50% से ज्यादा कर्मचारी स्ट्रेस यानी मानसिक तनाव से परेशान है.
मोटापा और जोड़ों के दर्द की शिकायत
एक्सपर्ट के मुताबिक, प्राइवेट नौकरियों का बदलता नेचर इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार है. इन दिनों हर ऑफिस में 9 से 10 घंटे की शिफ्ट हो चुकी है. वहीं लंबे टाइम तक एक ही जगह पर काम करने से मोटापा और जोड़ों के दर्द की शिकायत बढ़ रही है. इसके अलावा जंक फूड और खराब खानपान की आदतें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ा रही हैं.
इस तरीके से करें बचाव
ज्यादातर लोग लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते हैं, जिससे आंखों की कमजोरी और गर्दन दर्द की शिकायतें आम हो गई हैं. इसके अलावा काम के दबाव में लोग एक्सरसाइज या योग के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, जिससे दिक्कत काफी ज्यादा बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें. ऑफिस में हर 2 घंटे बाद 5 मिनट उठकर टहलें. अगर सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत या थकान महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. हार्ट की सेहत के लिए नियमित जांच जरूरी है.
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