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भारत के टीकाकरण की विश्व भर में सराहना, अमेरिका के वैज्ञानिक ने कही ये बात

कोरोना एक अनूठा वायरस है क्योंकि इसमें उत्परिवर्तन की दर बहुत अधिक है. मुझे उम्मीद है कि इस साल हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे, शायद हम बहुत जल्द इस महामारी से बाहर आ जाएंगे. इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें टीका, बूस्टर खुराक लेनी होगी.

Updated on: 15 Jan 2022, 11:15 PM

नई दिल्ली:

दुनिया भर में कोरोना कहर बरपा रहा है. कोरोना से बचने के लिए हर देश में टीकाकरण चल रहा है. लेकिन भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में चलने वाला टीकाकरण अभियान विश्व भर में सुर्खियों में है. भारत ने साल 2021 के अंत तक अपनी वयस्क आबादी के संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा था लेकिन वह अपने इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका है. भारत ने 100 करोड़ डोज लक्ष्य को पार लिया है, लेकिन अभी भी अपनी 94 करोड़ की पूरी वयस्क आबादी को कोरोना के दोनों डोज़ नहीं दे सका है. 30 दिसंबर तक भारत की 64 फ़ीसदी वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की पूरी ख़ुराक़ यानी दोनों डोज़ लग चुकी हैं. और लगभग 90 फ़ीसद को कोरोना वैक्सीन की एक डोज़ मिल चुकी है. भारत जल्द ही अपने शत-प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है.

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अमेरिका के वाशिंगटन डीसी, पाथ(PATH) के इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वैज्ञानिक निदेशक डॉ. कुतुब महमूद ने भारत के टीकाकरण के इस लक्ष्य को प्राप्त करने की सराहना की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “टीकाकरण यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। भारतीय टीकों का विश्व स्तर पर उपयोग किया जाता है। तो यह जश्न मनाने के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इंडिस ने टीकाकरण कवरेज का 60% से अधिक पूरा कर लिया है.”

डॉ. कुतुब महमूद  ने ट्वीट किया, “कोरोना एक अनूठा वायरस है क्योंकि इसमें उत्परिवर्तन की दर बहुत अधिक है. मुझे उम्मीद है कि इस साल हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे, शायद हम बहुत जल्द इस महामारी से बाहर आ जाएंगे. इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें टीका, बूस्टर खुराक लेनी होगी.”