इमरान ने पेश की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, J&K पर भारत को नसीहत

इमरान खान ने वर्ष 2022-2026 के लिए पंचवर्षीय आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार के दृष्टिकोण को रखा.

इमरान खान ने वर्ष 2022-2026 के लिए पंचवर्षीय आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार के दृष्टिकोण को रखा.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Imran Khan NSP

एक बड़ा हिस्सा रहेगा गोपनीय. कुछ हिस्से जारी कए गए.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को देश की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पेश की जिसे नागरिक आधारित फ्रेमवर्क पर तैयार किया गया है और सैन्य ताकत पर केंद्रित एक आयामी सुरक्षा नीति के बजाय इसमें अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देने तथा विश्व में देश की स्थिति को मजबूत करने पर जोर दिया गया है. पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और मंत्रिमंडल से अनुमोदित सुरक्षा नीति के सार्वजनिक संस्करण को प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित एक समारोह में जारी करते हुए इमरान खान ने आज कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में नाकाम रहीं. हालांकि 100 पन्नों का मूल दस्तावेज गोपनीय श्रेणी में बना रहेगा.

Advertisment

आर्थिक कूटनीति को आगे ले जाने पर जोर
खान ने कहा, ‘हमारी विदेश नीति में आर्थिक कूटनीति को आगे ले जाने पर जोर होगा.’ उन्होंने कहा कि समृद्धि और प्रगति के लिए कानून का शासन जरूरी है तथा किसी भी देश की प्रगति के लिए कानून की उपस्थिति आवश्यक है. इमरान खान ने वर्ष 2022-2026 के लिए पंचवर्षीय आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार के दृष्टिकोण को रखा. माना जा रहा है कि पहली बार पाकिस्तान की सुरक्षा यहां के नागरिकों में निहित होने की बात कही गई है. खान ने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण में बिना भेदभाव के, मौलिक अधिकारों और सामाजिक न्याय की गांरटी के साथ राष्ट्रीय सामंजस्य और लोगों की समृद्धि प्राथमिकता होनी चाहिए… हमारे नागरिकों की विशाल क्षमता को हासिल करने के लिए परिणाम उन्मुखी सुशासन जरूरी है.’

नागरिकों को केंद्र में रखा
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नीति नागरिकों को केंद्र में रखकर तैयार की गयी है और आर्थिक सुरक्षा को केंद्र बिंदु बनाया गया है. इसमें पाकिस्तान को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर है. खान ने कहा कि पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से ही एक आयामी सुरक्षा नीति रही जिसमें सैन्य ताकत पर फोकस था. उन्होंने कहा, ‘पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा प्रकोष्ठ ने सहमति से दस्तावेज तैयार किया है जिसमें सही तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित किया गया है.’ प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपने भाषण में पाकिस्तान के सशस्त्र बलों की तुलना गोंद के रूप की जिसने देश को एकजुट रखा है. उन्होंने वादा किया कि आने वाले समय में उन्हें और समर्थन दिया जाएगा.

सेना को दी गई तरजीह
उन्होंने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बल हमारे गौरव हैं और देश को एकजुट रखने वाली गोंद है. क्षेत्र में खतरे और हाइब्रिड युद्ध के बढ़ते खतरे के मद्देनजर उन्हें अधिक समर्थन, सहयोग और महत्व मिलना जारी रहेगा.’ खान ने कहा, ‘यह समझने की जरूरत है कि हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा तब है जब लोग हितधारक बनेंगे और देश के लिए खड़े होंगे. इसे समावेशी विकास से हासिल किया जा सकता है. हमें एक देश की तरह विकास करने की जरूरत है न कि वर्गों के आधार पर.’ राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की मुख्य थीम राष्ट्रीय सामंजस्य, आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने, रक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता, आतंरिक सुरक्षा, बदलती दुनिया में विदेश नीति और मानव सुरक्षा के ईर्दगिर्द हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा पर विस्तृत दृष्टिकोण
राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में संघीय मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), सांसद, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, तीनों सेनाओं के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. खान ने कहा कि पाकिस्तान की विदेश और सैन्य नीति का प्राथमिक उद्देश्य क्षेत्र में शांति रखना है. एनएसए मोईद युसूफ ने संक्षिप्त टिप्णी में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और प्रधानमंत्री सहित अन्य सभी अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा पर विस्तृत दृष्टिकोण अपनाया गया है और पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक मुद्दों को छुआ गया है जो हमारी सुरक्षा को प्रभावित करते हैं.’

भारत को भी दिया संदेश
उन्होंने कहा, ‘नीति में आर्थिक सुरक्षा को केंद्र में रखा गया है. मजबूत अर्थव्यवस्था से अतिरिक्त संसाधन उत्पन्न होंगे जिन्हें बाद में और सैन्य ताकत बढ़ाने तथा मानव सुरक्षा के लिए हस्तांतरित किया जाएगा.’ एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक, यूसुफ ने कहा कि विदेशी मामलों के मोर्चे पर नयी नीति में भ्रामक सूचना, हिंदुत्व और घरेलू राजनीतिक फायदे के लिए आक्रमकता के इस्तेमाल को भारत की ओर से आसन्न अहम खतरे बताया गया है. खबर में यूसुफ के हवाले से कहा गया कि नीति में जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय संबंध के केंद्र में रखा गया है. जब उनसे पूछा गया कि इससे भारत को क्या संदेश जाता है तो उन्होंने कहा, ‘यह भारत को कहता है कि सही कार्य करिए और हमारे लोगों की बेहतरी के लिए क्षेत्रीय संपर्क से जुड़िए. यह भारत को यह भी कहता है कि अगर आप सही कार्य नहीं करेंगे तो इससे पूरे क्षेत्र को नुकसान होगा और उसमें भी सबसे अधिक भारत का नुकसान होगा.’ युसूफ ने कहा कि इस दस्तावेज को असैन्य और सैन्य प्रतिष्ठानों की सहमति के बाद अंतिम रूप दिया गया.

HIGHLIGHTS

  • राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की मुख्य थीम राष्ट्रीय सामंजस्य
  • नीति में जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय संबंध के केंद्र में
  • 100 पन्नों का मूल दस्तावेज गोपनीय श्रेणी में बना रहेगा
pakistan jammu-kashmir imran-khan पाकिस्तान भारत economy इमरान खान अर्थव्यवस्था जम्मू-कश्मीर National Security Policy राष्ट्रीय सुरक्षा नीति Public Centered आम नागरिक
      
Advertisment