विश्व पोलियो दिवस आज , जाने इसका इतिहास

विश्व पोलियो दिवस हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है, इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों को जागरूक करना है. बता दें की पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को नुक्सान करती है.

विश्व पोलियो दिवस हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है, इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों को जागरूक करना है. बता दें की पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को नुक्सान करती है.

author-image
Nandini Shukla
New Update
polio

विश्व पोलियो दिवस आज , जाने इसका इतिहास ( Photo Credit : file photo)

विश्व पोलियो दिवस हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है, इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों को जागरूक करना है. बता दें की पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को नुक्सान करती है. पोलियो को 'पोलियोमाइलाइटिस' भी कहते है. जिन्हे नहीं पता है उन्हें बता दें की यह दिन पोलियो टीका की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक जोनास साल्क को समर्पित है.जोनास साल्क का जन्म अक्टूबर महीने में 24 तारीख को हुआ था. जोनास साल्क की टीम ने साल 1955 में पोलियो टीका की खोज की थी.

Advertisment

यह भी पढ़े- क्रिस्टल डिसूजा का लुक देख फैंस के मुंह से निकला उफ्फ

पोलियो दिवस लोगों को अपने बच्चों को टीका दिलाने के लिए भी प्रोत्साहित करना है. इस साल की पोलियो थीम  है “One Day. One Focus यानी "एक दिन. एक फोकस: पोलियो को खत्म करना - दुनिया को पोलियो मुक्त वादे को पूरा करना है! बच्चे पोलियो से अधिक शिकार होते हैं. इस बीमारी से आज भी कई देश जूझ रहे हैं. वहीं, साल 2012 में भारत पोलियो मुक्त देश की लिस्ट में शामिल हो चुका है.

पोलियो दिवस का इतिहास 

विश्व पोलियो दिवस मनाने की शुरुआत रोटरी इंटरनेशनल ने की है. इसकी शुरुआत पोलियो टीका की खोज करने वाली टीम के सदस्य जोनास साल्क के जन्मदिन पर की गई है. पोलियो वैक्सीन की खोज साल 1955 में की गई थी. वहीं, पोलियो संक्रमितों के सबसे अधिक मामले साल 1980 में देखे गए थे. जब एक लाख से अधिक बच्चे पोलियो से संक्रमित हो गए थे. उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में पोलियो टीकाकरण की शुरुआत की. इसके अंतर्गत 5 साल और उससे कम उम्र के बच्चों को पोलियो टीका दिया गया. वर्तमान समय में पोलियो की दो बूंद बच्चों को पिलाई जाती है. भारत में पोलियो की शुरुआत साल 1995 में हुई थी.

 

polio dose public awareness polio day
      
Advertisment