कोरोना के मामले इस कारण से हो सकते हैं कम, जब आएगा सर्दियों का मौसम
अब लोग कोरोना को लेकर थोड़ी राहत की सांस ले सकते है. उस राहत की सांस दिलवाने में अमेरिका संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फौसी का हाथ है. जिन्होंने हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में इसकी उम्मीद जताई है.
नई दिल्ली:
जहां एक तरफ कोरोना ने मई-जून में हालत खराब कर दी थी. केसिज की संख्या इतनी थी कि अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. पेशेंट्स तो पेशेंट्स डॉक्टर्स की भी हालत खराब हो रही थी. हॉस्पिटल के बेड खचाखच भरे हुए थे. लेकिन, वहीं लोग अब कोरोना को लेकर थोड़ी राहत की सांस ले सकते है. उस राहत की सांस दिलवाने में जिनका हाथ है. वो अमेरिका संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फौसी (Anthony Fauci) है. जी हां, हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान ये बात सामने आई है. जिसमें उन्होंने कहा है कि लोगों के लिए सर्दियां आते-आते थोड़ी राहत महसूस होने की संभावनाएं बन चुकी हैं. उनका कहना है कि इस सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण से होने वाले डेथ रेट में गिरावट आने की उम्मीदें बनी हुई हैं.
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बता दें, एंथनी फौसी (Anthony Fauci) अमेरिका के राष्ट्रपति के मेन मेडिकल एडवाइजर (medical advisor) और इंफेक्शियस डीजिज स्पेशलिस्ट (infectious disease specialist) है. जिन्होंने अपने एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही कि उन्हें इस बात पर पूरी तरह से विश्वास है कि ठंड के मौसम में इस इंफेक्शन से होने वाली डेथ की गिनती में कमी देखने को मिलेगी. साथ ही अस्पताल में एडमिट होने वाले पेशेंट्स की गिनती में भी काफी गिरावट देखने को मिलेगी. लेकिन, इसमें सिर्फ इतना ही नहीं आता है. अपनी बात को आगे कहते हुए उन्होंने ये भी कहा कि ये सिचुएशन पर डिपेंड करता है कि लोग ठंड में कितना खुद को प्रोटेक्ट कर पाते हैं. साथ ही कितना घर के अंदर रहकर काम करते हैं. जिसमें गर्वनमेंट (government) के निर्देशों का पालन करना भी इसी में शामिल है.
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साथ ही डॉक्टर ने अपने इंटरव्यू में वैक्सीन लगवाने की बाद भी फंक्शन्स या पार्टीज में मास्क पहनने की एडवाइस दी है. साथ ही ये भी कहा है कि बीते दिनों में कोरोना केसिज में गिरावट देखी गई है. लेकिन, अभी भी इंफेक्शन से डेथ रेट ज्यादा बना हुआ है. सितंबर के महीने में कई पेथोलॉजिस्ट ने ये चेतावनी दी थी कि अमेरिका में कोरोना का डेल्टा स्ट्रक्चर सबसे पहली चिंता बना हुआ है. वहीं जून में कोरोना संक्रमण पेशेंट्स में इसकी हिस्सेदारी 13.5 परसेंट से बढ़कर 98 परसेंट हो गई थी.
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ये तो सभी जानते हैं कि कोरोना के चलते जितनी हालत अमेरिका में खराब हुई है. उतनी कहीं और नहीं हुई है. कोरोना से मरने वालों की गिनती अमेरिका में बहुत ज्यादा रही है. कोरोना की कोई भी लहर रही हो. उसमें अमेरिका की जनसंख्या तादाद में खत्म हुई है. लेकिन, शायद अब कहीं जाकर लोगों के फेस से कोरोना को लेकर चिंता दूर होती दिखाई दे रही है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि प्रोटोकोल्स को पूरी तरह से फॉलो किया जाए ताकि जल्द से जल्द इनकी गिनती में गिराविट आती जाए.
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