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सर्दियों में क्यों ज्यादा आता है Panic Attack, क्यों होता है तनाव, जानिए इसके इलाज

पानिक अटैक या एनजाइटी अटैक तब आता है जब इंसान अपने अंदर नेगेटिविटी को पालने लगता है. पैनिक अटैक अक्सर जीवन के कुछ बुरे अनुभवों के कारण आ जाता है.

Updated on: 20 Jan 2022, 04:18 PM

New Delhi:

पैनिक अटैक (Panic Attack) आजकल के युवाओं में बहुत ज्यादा तेजी से देखी जाने वाली एक बीमारी है. ये बीमारी सुनने में नार्मल लगती है, लेकिन असल में उतनी नार्मल है नहीं. कहा जाए तो ये एक तरह से डिप्रेशन, तनाव की वजह से भी हो सकता है. पैनिक अटैक में व्यक्ति अचानक पास्ट या फिर किसी भी ऐसी अनचाही घटना जो उसके साथ हुई हो उसको याद करके डर जाता है. ज्ञात या फिर अज्ञात कारणों से अचानक डर जाता है और मन ही मन उस चीज या बात से चिंतित हो उठता है. पानिक अटैक या एनजाइटी अटैक तब आता है जब इंसान अपने अंदर नेगेटिविटी को पालने लगता है. पैनिक अटैक अक्सर जीवन के कुछ बुरे अनुभवों के कारण आ जाता है. जब इंसान अकेले उन सब चीज़ों को याद करता है. 

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क्या होता हैं पैनिक अटैक का कारण-

शारीरिक कारण

कई बार हमारे शरीर की ही कुछ बीमारी पैनिक अटैक की वजह बनती हैं. कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स की मानें तो हार्ट अटैक या हृदय रोगों से जुड़ी समस्याएं और कैंसर आदि के मरीजों को भी ये बीमारी हो सकती है. 

मानसिक कारण

पैनिक अटैका का कारण मानसिक परेशानी ही होता है. कई बार परिवारिक, निजी आदि समस्याओं से जब व्यक्ति ग्रस्ति हो जाता है और वह अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं कर पाता है और जब वह अकेला पड़ जाता है फिर पैनिक अटैक जैसी स्थति उसके सामने आती है. 

जानें पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी के लक्षणों को-

अचानक दिल की धड़कन बढ़ना, घबराहट होना, सांस लेने में तकलीफ होना, बीपी बढ़ना, पसीना आना व शरीर में कंपन होना, सिर दर्द और बदन दर्द, शरीर में ठंडी या गर्म लहर महसूस होना, चक्कर आना, गैस या एसिडिटी पैदा होना.

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ऐसे कर सकते हैं बचाव-

-हर एक चीज को लेकर पॉजिटिव सोच रखें. वो करें जिसमे आपको खुशी मिलती हो. 

-नए-नए दोस्त बनाएं. घूमने जाएं. 

-आपका खान पान भी इस पर निर्भर करता है. अपने खान पान को अच्छा रखें. 

-योगासन या मैडिटेशन जरूर करें ताकि मन और दिमाग दोनों शांत हो. अगर आपको घबराहट, बैचैनी, चक्कर आना इस तरह की चाजें फील हों तो  डॉक्टर से सलाह लें. 

ठंड का मौसम और पैनिक अटैक-

पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी डिप्रेशन का भी कारण हो सकता है. कहा जाता है कि सर्दियों में ये बीमारी बढ़ जाती है. सर्दियों में इसके होने का कारण ये होता है कि शारीरिक एक्टीविटी कम होती है, देर तक सोना जैसी आदतों के कारण ठंड में इसका खतरा बढ़ जाता है. 

पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी में क्या करना चाहिए- 

अगर आपके किसी करीब दोस्त को या फिर किसी को भी पैनिक अटैक आए है, तो उसे साहस दें कि वो इस स्थिति से बाहर निकल सकता है. जो बात वो कह नहीं पारे उसे आराम से बैठ कर सुने, उनको अपने होने का अहसास दिलाएं. उस व्यक्ति को अच्छे से सांस लेने को कहें और धीरे धीरे पानी पिलाते रहें. व्यक्ति को शांत रहने में मदद करें और हाथ पैर मलें. इसके अलावा नींबू की शिकंजी, कॉफी बना कर दें. कॉफ़ी, या चाय भी इस अटैक से निकलने में मदद करती है.