कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा के प्रयोग को लेकर WHO ने फिर दी चेतवानी, कही ये बड़ी बात
हाल ही में गोवा में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को आइवरमेक्टिन (Ivermectin) दवा देने की घोषणा की गई है. हालांकि WHO ने इसका कड़ा विरोध किया है. जर्मन हेल्थकेयर एंड लाइफ साइंसेज, मर्क (Merck) की ओर से भी इसे लेकर चेतावनी जारी की गई है.
highlights
- गोवा सरकार ने दी 'आइवरमेक्टिन' को इजाजत
- WHO ने 'आइवरमेक्टिन' के इस्तेमाल का विरोध किया
- Merck की ओर से भी इसे लेकर चेतावनी जारी की गई
नई दिल्ली:
पूरी दुनिया सहित भारत में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज हजारों की संख्या में कोरोना मरीजों की मौत हो रही है. ऐसे में हाल ही में गोवा में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को आइवरमेक्टिन (Ivermectin) दवा देने की घोषणा की गई है. हालांकि WHO ने इसका कड़ा विरोध किया है. सिर्फ डब्लूएचओ ही नहीं, जर्मन हेल्थकेयर एंड लाइफ साइंसेज, मर्क (Merck) की ओर से भी इसे लेकर चेतावनी जारी की गई है. डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने अपने ट्वीट में इसे भी शेयर किया है.
ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित आसाराम की एम्स में तबियत बिगड़ी, AICU वार्ड में भर्ती
WHO ने क्या कहा ?
WHO ने कोरोना मरीजों के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है. डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि 'किसी नए लक्षण में जब कोई दवा इस्तेमाल करते हैं तो उसकी सुरक्षा और असर का ध्यान रखना जरूरी है. डब्लूएचओ सलाह देता है कि क्लीनिकल ट्रायल को छोड़कर कोरोना मरीजों को यह दवा ना दी जाए.'
Safety and efficacy are important when using any drug for a new indication. @WHO recommends against the use of ivermectin for #COVID19 except within clinical trials https://t.co/dSbDiW5tCW
— Soumya Swaminathan (@doctorsoumya) May 10, 2021
Merck ने भी किया विरोध
वहीं मर्क (Merck) का कहना है कि अध्यन में यह पता चला है कि प्री-क्लिनिकल स्टडीज में कोविड के इलाज में इसकी प्रभाविता को लेकर वैज्ञानिक आधार, कोई क्लीनिकल सुरक्षा या प्रभावकारिता नहीं है. इतना ही नहीं स्टडी में इसके इस्तेमाल में सुरक्षा को लेकर भी उम्मीद के मुताबिक डेटा नहीं है. बता दें कि यह दूसरी बार है जब आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर डब्लूएचओ (WHO) ने चेतावनी जारी की है.
Merck, the company that makes Ivermectin, released this statement that more people should read:
— Madhu Pai, MD, PhD (@paimadhu) May 10, 2021
"No meaningful evidence for clinical activity or clinical efficacy in patients with COVID-19 disease"https://t.co/FTIQURWga8
ये भी पढ़ें- कोरोना के इंडियन वैरिएंट ने मचा रखा है दुनिया में कोहराम
क्या है आइवरमेक्टिन ?
आइवरमेक्टिन (Ivermectin) एक एंटी पैरासिटिक ड्रग (anti-parasitic drug) है, जो कि पेट के इंफेक्शन जैसे कि राउंडवॉर्म इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. एक तरह से आप इसे पेट के कीड़े को मारने वाली दवाई कह सकते हैं. व्यापक तौर पर इसका उपयोग आंतों के स्ट्रॉग्लोडायसिस (strongyloidiasis) और ऑन्कोकेरिएसिस (onchocerciasis) के रोगियों के लिए किया जाता है.
कैसे हुई थी इसकी खोज ?
आइवरमेक्टिन की खोज साल 1975 में की गई थी जिसे साल 1981 में लोगों के इस्तेमाल के लिए उतारा गया. इस दवा को व्यापक रूप से दुनिया की पहली एंडोक्टोसाइड यानी एंटी पैरासाइट दवा के रूप में जाना जाता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह दवा शरीर के भीतर और बाहर, मौजूद परजीवी के खिलाफ बेहद असरदार साबित हो सकती है. इसके बाद साल 1988 में ऑन्कोकेरिएसिस (रिवर ब्लाइंडनेस) नामक बीमारी के लिए भी इसे प्रयोग में लाया गया.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Lok Sabha Elections 2024: रजनीकांथ से लेकर कमल हासन तक वोट देने पहुंचे ये सितारे, जागरूक नागरिक होने का निभाया फर्ज
-
टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी का हुआ एक्सीडेंट, होगी सीरीयस सर्जरी, काम छोड़कर हॉस्पिटल पहुंचे पति
-
Maidan BO Collection: मैदान ने बॉक्स ऑफिस पर पूरा किया एक हफ्ता, बजट की आधी कमाई भी नहीं कमा पाई फिल्म
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Aaj Ka Panchang 19 April 2024: क्या है 19 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म में क्या हैं दूसरी शादी के नियम, जानें इजाजत है या नहीं
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति