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पूर्व निदेशक ने दिया ये जवाब( Photo Credit : file photo)
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पूर्व निदेशक ने दिया ये जवाब( Photo Credit : file photo)
भारत में कोरोना की लहर दस्तक दे चुकी है. जानकरों के मुताबिक देश में मरीज़ों की संख्या 15 हज़ार के आस पास है. जबकि पिछले 24 घंटे में 2323 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं. पिछले साल चूर्ण की वजह से लोगों ने सावधानी बरतनी शुरू की थी. लेकिन सवाल ये उठता है कि अब भी कोरोना को गंभीरता से लेना चाहिए की नहीं. तो चलिए बताते हैं कि कोरोना को गंभीरता से लेना चाहिए की नहीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि तीसरी लहर में कोरोना केसेज की संख्या लाखों में पहुंचने के बाद संक्रमण की रफ्तार थम गई थी.
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हालांकि अप्रैल से फिर कोरोना के मामलों में थोड़ा-थोड़ा उछाल देखा जाने लगा. डॉ. मिश्र कहते हैं कि रोजाना दो-ढाई हजार के आसपास कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. जांचें भी पर्याप्त संख्या में हो रही हैं. कोरोना के दौरान डेडिकेट किए गए अस्पतालों में अभी तक कोविड सुविधा है, कोविड डेडिकेटेड बेड्स हैं, स्टाफ है लेकिन इस समय बेहद हल्के लक्षणों वाले और कम मरीज सामने आ रहे हैं.
वहीं एक अनुमान लगाया जा रहा कि लोग सभी लहरों में संक्रमित हो चुके हैं इसलिए उनके शरीर में इस वायरस से लड़ने की शक्ति पैदा हो चुकी है. इससे यही अनुमान है कि अब कोरोना की चौथी या अगली लहर नहीं आएगी. इसी तरह कोरोना के मरीज कुछ संख्या में मिलते रहेंगे लेकिन गंभीर जैसा कुछ नहीं होगा. क्योंकि अब लोगों को स्थिति का अंदाज़ा हो गया है. इसलिए अब लोग उस हिसाब से अपने आप का ख्याल रखने में सक्षम हैं.
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Source : News Nation Bureau