logo-image

कितना खतरनाक है येलो फंगस, क्या हैं लक्षण और बचाव ?

दुनिया भर में जिस तरह से कोरोना के नए-नए म्यूटेट देखने को मिल रहे हैं. ठीक उसी तरह से देश में फंगस के भी तीन प्रकार सामने आ चुके हैं. ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस के मरीज भी मिले हैं.

Updated on: 26 May 2021, 05:43 PM

highlights

  • रेप्टाइल्स में पाया जाता है येलो फंगस 
  • येलो फंगस को जानलेवा बीमारी कहा जाता है
  • देश में येलो फंगस के मरीज भी मिले

नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) का प्रकोप थमा भी नहीं था कि देश में एक और खतरनाक बीमारी दस्तक दे दी. ब्लैक फंगस (Black Fungus), व्हाइट फंगस (White Fungus) और येलो फंगस (Yellow Fungus) के मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है. दुनिया भर में जिस तरह से कोरोना के नए-नए म्यूटेट देखने को मिल रहे हैं. ठीक उसी तरह से देश में फंगस के भी तीन प्रकार सामने आ चुके हैं. ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस के मरीज भी मिले हैं. येलो फंगस का पहला मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया है.

ये भी पढ़ें- केंद्र ने राज्यों को ब्लैक फंगस वाले इंजेक्शन की दीं इतनी शीशियां

डॉक्टरों की रिसर्च के अनुसार येलो फंगस एक तरह का फंगाई है जो पालतू जानवरों समेत कई जंगली जानवरों में भी पाया जाता है। यह फंगस खासतौर से रेप्टाइल्स में पाया जाता है। अभी भारत में स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं को इस फंगस से आधारित कुछ और बातों पर अध्ययन करना बाकी है मगर यह जूनोटिक डिजीज इम्यूनिटी से कमजोर लोगों को अपना शिकार बना सकता है। मीडिया की खबरों के मुताबिक जिस कोरोना मरीज के अंदर येलो फंगस पाया गया है उसका इलाज ईएनटी सर्जन बीपी त्यागी कर रहे हैं.

कितना खतरनाक है येलो फंगस

सर्जन बीपी त्यागी ने मीडिया को बताया है कि उनके 30 साल के करियर में इस तरह का ये पहला मामला है. उन्होंने कहा कि येलो फंगस रेप्टाइल्स में पाया जाता है, पहली बार मैंने इसे इंसानों में देखा है. डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक और व्हाइट फंगस के मुकाबले येलो फंगस कहीं ज्यादा खतरनाक है. ब्लैक फंगस जहां ब्रेन को अफेक्ट करता है तो वहीं व्हाइट फंगस लोगों के लंग पर असर डालता है. लेकिन येलो फंगस इन दोनों से खतरनाक है और आज से पहले किसी भी इंसान में इस तरह का फंगस नहीं पाया गया है. हालांकि कुछ जानवरों में इस तरह का फंगस मिला है. इस फंगस का नाम है म्यूकरसेप्टिकल्स. 

यलो फंगस के लक्षण

  • नाक का बंद होना.
  • शरीर के अंगों का सुन्न होना.
  • शरीर में टूटन होना और दर्द होना.
  • कोरोना से ज्यादा शरीर में वीकनेस होना.
  • हार्ट रेट का बढ़ जाना.
  • शरीर में घावों से मवाद बहना.
  • घावों का सही ना होना.

ये भी पढ़ें- 20 करोड़ COVID-19 टीकाकरण करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा देश बना भारत 

यलो फंगस से बचाव

  • घर की और आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें.
  • कमजोर इम्युनिटी वालों की हाइजीन का खास ध्यान रखें.
  • कोरोना से ठीक हुए मरीजों का विशेष ख्याल रखें.
  • खराब या बासी खाने का प्रयोग न करें.
  • घर पर नमी न होने दें क्योंकि फंगस नम जगहों पर ज्यादा एक्टिव होता है.