दिल्ली में भी पैर पसार रहा लंपी वायरस, डॉक्टर ने कही ये बात
दिल्ली में भी लंपी वायरस अपने पैर तेजी से पसारने लगा है. ऐसे में न्यूज नेशन ने इस मुद्दों को लेकर वेटनरी डॉक्टर राकेश सिंह से बातचीत की. उन्होंने लंपी वायरस को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में अब तक 173 केस रिकॉर्ड हुए है...
highlights
- दिल्ली में भी फैल रहा है लंपी वायरस
- संक्रमिक पशु से नहीं फैलता वायरस
- संक्रमित पशु को रखें अलग, मक्खी-मच्छर से बचाएं
नई दिल्ली:
दिल्ली में भी लंपी वायरस अपने पैर तेजी से पसारने लगा है. ऐसे में न्यूज नेशन ने इस मुद्दों को लेकर वेटनरी डॉक्टर राकेश सिंह से बातचीत की. उन्होंने लंपी वायरस को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में अब तक 173 केस रिकॉर्ड हुए है,बहुत ज्यादा प्रकोप अभी तक नहीं है. लंपी वायरस फैटल डिजीज नहीं है, इसका जो संक्रमण है. बहुत तेज नहीं है. धीमा है और अच्छी बात यह है कि यह न तो यह पानी और न ही हवा से फैलता है. ये सिर्फ तभी फैलता है, जब संक्रमित जानवर को मक्खी या मच्छर काटते हैं.
पशु के स्वास्थ्य का रखें ध्यान
लंपी वायरस के लक्षणों में सबसे पहले बुखार आता है. नाक और मुंह से पानी आता है. उसके बाद शरीर पर चकत्ते से पड़ जाते हैं, जो 10 से 12 दिन में ठीक हो जाते हैं और पशु इसमें खाना पीना छोड़ देता है जिसकी वजह से कमजोरी भी आ जाती है. इसलिए एहतियात बरतते हुए हमें सबसे पहले पशु के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए ताकि उनकी इम्युनिटी मजबूत रहे और सबसे ज्यादा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए. ताकि मक्खी-मच्छर आसपास न बैठे.
संक्रमित पशु के दूध से नहीं फैलता वायरस
राकेश सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लंपी वायरस से संक्रमित पशु का दूध पीने से मनुष्य संकमित हो जायेगा. यह दूध पीने से फैलता नहीं है. दूध पीने की जो हमारी व्यवस्था होती है, उसमें हम दूध उबाल कर पीते हैं तो वायरस का उसमें रहने का कोई चांस नहीं रहता तो पब्लिक को यह नहीं सोचना चाहिए कि दूध के माध्यम से यह बीमारी इंसानों में भी चलेगी. इंसानों में यह बीमारी वैसे भी नहीं फैलती है. गाय और भैंस के अलावा यह दूसरे पशुओं में नहीं फैलती है.
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ये कदम उठाएं, संक्रमण थमेगा
वेटनरी डॉक्टर राकेश सिंह ने कहा कि जिनके पशुओं को यह हो गया है. वह सबसे पहले संक्रमित जानवर को अलग कर दें और स्वास्थ्य पशुओं से दूर रखें. साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था रखें. मच्छर मक्खी भगाने वाले और सैनिटाइजर का प्रयोग जरूर करें डॉक्टर से तुरंत सलाह लें और इलाज कराएं. इस वायरस से पशुपालक को कोई खतरा नहीं है, बल्कि पशुपालक की जिम्मेदारी बनती है कि अगर कोई भी पशु इससे संक्रमित होता है. तो उसका अच्छे से इलाज कराएं. उन्होंने कहा कि संक्रमित पशु 15 से 20 दिन में स्वस्थ हो जाता है. अगर उसकी सही से देखभाल की जाए.
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