इस तेल को खाने में जब करेंगे इस्तेमाल, दूर हो जाएगा बीमारियों का बवाल
जैतून के तेल में अनसैच्युरेटेड फैट (unsaturated fat) होता है. ऑलिव ऑयल में ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और पामिटिक एसिड जैसे मोनोअनसैचुरेटेड फैट (mono-unsaturated fat) ज्यादा क्वांटिटी में पाए जाते हैं.
नई दिल्ली:
अक्सर लोग किचन में जाते ही परेशान हो जाते हैं कि आखिर खाना बनाने में किस ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए. एक तरफ होता है वेजिटेबल ऑयल और दूसरी तरफ है ऑलिव ऑयल. अब पहले बता दें, वेजिटेबल ऑयल कुछ पौधों से मिलने वाले तेल से बनता है. जिसमें सनफ्लावर ऑयल (sunflower oil), पीनट ऑयल (peanut oil), सरसों का तेल (mustard oil) या सोयाबीन ऑयल (soyabean oil) शामिल है. वहीं दूसरी तरफ है ऑलिव ऑयल जिसे जैतून का तेल भी कहा जाता है. दोनों ही ऑयल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होते है. दोनों ही तेल को खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, ऑयल का इस्तेमाल भी सोच-समझकर करना चाहिए क्योंकि ये तो सबने सुना ही है कि ज्यादा ऑयल फैट और कैलोरीज दोनों को बढ़ावा देता है. इसलिए, बॉडी की हेल्थ का ध्यान रखते हुए तो जरूर एक बार सोचना चाहिए कि कौन-सा तेल ज्यादा बेहतर है. तो चलिए, फटाफट आपको बताते हैं कि दोनों में से किस ऑयल का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर होता है.
दोनों तेल में अंतर क्या है? उससे पहले बता दें कि दोनों में कॉमन क्या-क्या है? ये तो सब जानते हैं कि टेस्ट के अकोर्डिंग जैतून का तेल वेजिटेबल ऑयल से काफी अलग होता है. लेकिन, दोनों ही तेल में फैटी ऐसिड (fatty acid) की क्वांटिटी इक्वल (equal) होती है. वेजिटेबल ऑयल की तरह ही कुछ तरह के ऑलिव ऑयल भी हाइली प्रोसेस्ड (highly processed) होते हैं. इन तेल के अलग-अलग प्रकारों में छोटे-छोटे (subtle) न्यूट्रिएंट्स की कमी होती है.
जैतून के तेल में अनसैच्युरेटेड फैट (unsaturated fat) होता है. ऑलिव ऑयल में ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और पामिटिक एसिड जैसे मोनोअनसैचुरेटेड फैट (mono-unsaturated fat) ज्यादा क्वांटिटी में पाए जाते हैं. साथ ही इसके मोनोअनसैचुरेटेड फैट (monounsaturated fat) में एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) एलिमेंट्स होते हैं. जो हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसके अलावा ऑलिव ऑयल एंटीऑक्सिडेंट (anti-oxidant) और कैरोटीनॉयड (carotenoid) जैसे ऑपोनेंट इंफ्लामेटरी कंपाउंड (opponent inflammatory compound) में काफी अच्छा होता है. इसमें विटामिन E और K जैसे न्यूट्रिएंट्स की कैरोटीनॉयड भी काफी अच्छी होती है.
वेजिटेबल ऑयल में भी अनसैच्युरेटेड फैट (unsaturated fat) होता है. इसमें ज्यादातर ओमेगा-6 पॉलीअनसेचुरेटेड (omega-6 polly-unsaturated) फैट होता है. जो प्रो-इंफ्लामेटरी (pro-inflammatory) होता है. ये हार्ट के लिए नुकसानदायक होता है. जब वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है. तो, उस प्रोसेस में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (micro-nutrients), एंटीऑक्सिडेंट्स (anti-oxidants) और फायदेमंद प्लांट कंपाउंड्स को खत्म कर दिया जाता है. जिसमें पॉलीफेनोल (pollyfenol) और कोएंजाइम (co-enzyme) शामिल होते हैं.
अगर आप अब भी यही सोच रहे हैं कि दोनों में से किस तेल को चुनें. तो आपकी प्रॉब्लम सोल्व कर देते हैं. भई, हर तरीके से ऑलिव ऑयल ही बेस्ट है. क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट (anti-oxidants), विटामिन (vitamins) और मिनरल्स (minerals) होते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, इसकी ये ही क्वालिटीज दिल के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है. वहीं बात अगर वेजिटेबल ऑयल की कि जाए तो ये कई तरह के प्रोसेस से होकर गुजरता है. कई तरह के ऑयल को मिक्स करके बनाया जाता है. जिसका मतलब है कि इसमें बहुत कम फायदेमंद न्यूट्रिएंट्स होते हैं. बस, ये कैलोरीज से भरपूर होता है. अब, ये डिसाइड करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं होगा कि कौन-से ऑयल को खाने में इस्तेमाल करना चाहिए.
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