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दूषित पानी पीने से होती हैं ये गंभीर बीमारियां, ध्यान नहीं दिया तो पड़ जाएंगे लेने के देने

बहुत से लोग पानी को लेकर कोई ध्यान नहीं देते और बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ-साथ शुद्ध और साफ पानी पिया जाए.

Updated on: 12 Feb 2024, 03:58 PM

नई दिल्ली:

पानी पीना स्वास्थ्य के लिए जितना जरूरी होता है उतना ही जरूरी होता है कि साफ और शुद्ध पानी पिया जाए. लेकिन बहुत से लोग पानी को लेकर कोई ध्यान नहीं देते और बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ-साथ शुद्ध और साफ पानी पिया जाए. अगर आप भी बिना सोचे समझे पानी पीते हैं तो ऐसा करना छोड़ दें. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूषित पानी पीने से होती हैं. इनमें से कु बीमारियां तो ऐसी हैं जो इंसान की जान तक ले लेती हैं.

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डायरिया (Diarrhea): डायरिया एक सामान्य बीमारी है जो बैक्टीरिया, वायरस या पारजीविकों के संक्रमण के कारण हो सकती है. इसमें पेट दर्द, उल्टी, और अत्यधिक दस्त हो सकते हैं.
 
टायफाइड (Typhoid): यह बीमारी भी पानी से हो सकती है, और इसके कारण बैक्टीरिया सालमनेला टायफी होता है. इसमें बुखार, शरीर में दर्द, उल्टी, और बीमारी की अवस्था शामिल होती है.
 
काला जाड़ू (Cholera): यह एक गंभीर बीमारी है जो विशेष रूप से गंदे पानी के सेवन से फैलती है. इसमें तेजी से दस्त, उल्टी, और अत्यधिक तकलीफ होती है.
 
हेपेटाइटिस (Hepatitis): पानी से संक्रमित होने वाले कुछ प्रकार के हेपेटाइटिस वायरस होते हैं, जो लिवर को संक्रमित कर सकते हैं.
 
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अर्सेनिकोसिस (Arsenicosis): अर्सेनिकोसिस वह बीमारी है जो अर्सेनिक के उपयोग से होती है, जो कभी-कभी पानी में निकल सकता है. यह बीमारी त्वचा के लिए हानिकारक होती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.
 
डेंगू (Dengue): डेंगू मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है, लेकिन जल संक्रमण के द्वारा भी हो सकती है. उसमें बार-बार बुखार, उल्टी, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकता है.
 
पोलियो (Polio): यह वायरस पानी के माध्यम से भी फैल सकता है और शिशुओं और बच्चों को संक्रमित कर सकता है. इन बीमारियों से बचाव के लिए, स्वच्छ पानी का उपयोग करें, उचित स्वच्छता अनुरोध करें, और अधिकतम हाइजीनिक मानकों का पालन करें. यह बीमारियाँ बचाव और उपचार के लिए स्वास्थ्य निर्देशिका के अनुसार चिकित्सकीय सलाह लेना उचित होता है.
 
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